जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को आए सियासी संकट के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने को मंजूरी दे दी है। इससे पहले राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लागू करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। वहीं जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने सीमा सुरक्षा की समीक्षा को लेकर एक बैठक बुलाई है।
बता दें कि मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी से गठबंधन तोड़ सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद वहां सियासी संकट के हालात पैदा हो गये थे। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी ने लगे हाथ राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर दी।
राज्यपाल एनएन वोहरा को मंगलवार दोपहर फैक्स के जरिए एक चिट्ठी मिली जिसपर गठबंधन सरकार को बीजेपी का समर्थन वापस लेने के लिए राज्य भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना और भाजपा विधायी दल के नेता कविंदर गुप्ता के हस्ताक्षर थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया।
राज्यपाल ने कविंदर गुप्ता और महबूबा मुफ्ती से चर्चा कर यह सुनिश्चित किया क्या उनके संबंधित राजनीतिक दल राज्य में सरकार गठन के लिए वैकल्पिक गठबंधन बनाने का इरादा रखते हैं और दोनों नेताओं ने ना में जवाब दिया। राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जीए मीर से भी बात की। मीर ने बताया कि उनकी पार्टी के पास अपने बूते पर या गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। इसके बाद राज्यपाल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक की। उमर ने कहा कि राज्यपाल शासन और राज्य में चुनावों के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल वोहरा ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ परामर्श खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत गवर्नर के शासन को लागू करने के लिए भारत के राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा कुल 87 सीटें पीडीपी- 28 बीजेपी-25 नेशनल कॉन्फ्रेंस-15 कांग्रेस-12 जेकेपीसी-2 सीपीएम-1 जेकेपीडीएफ़-1 निर्दलीय-3