साइकिल पर चलने वाले, फूस का घर और पेंशन की राशि गरीब बच्चों को देने वाले सारंगी बने मोदी सरकार में राज्यमंत्री

लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए नरेंद्र मोदी ने कल प्रधानमंत्री के तौर दूसरी बार शपथ ली। इस समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अलावा देश-विदेश के 8000 मेहमानों ने शिरकत की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में एक भव्य समारोह में मोदी व उनके मंत्रिमंडल के 57 सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मंत्रियों की नई टीम 'युवा ऊर्जा एवं प्रशासनिक अनुभव' का मेल है और हम साथ मिलकर भारत की प्रगति के लिये काम करेंगे। वही अब शपथ के बाद शुक्रवार की शाम 5 बजे नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब कोई निश्चित एजेंडा नहीं है। इसमें संसद का सत्र आहूत करने की संभावित तारीख तय की जा सकती है।

वही इन सबके बीच जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वो है ओडिशा के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी की। प्रताप चंद्र सारंगी ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। फूस का घर, आने जाने के लिए साईकिल और पेंशन की राशि को गरीब बच्चों के लिए दे देना। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए ओडिशा के सांसद प्रताप सारंगी को अपनी इसी सादगी के लिए जाना जाता है। जब वो शपथ ले रहे थे, तब वहां मौजूद लोगों ने उनको चीयर किया। इतना ही नहीं इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रताप चंद्र सारंगी के लिए तालियां बजाईं।

अब 64 साल के हो चुके प्रताप चंद्र सारंगी (Pratap Chandra Sarangi) ने कभी साधु बनना चाहा था और वह एकांत जीवन बिताना चाहते थे लेकिन उनका समाज के प्रति समर्पण और जनसेवा का भाव उनको मोदी मंत्रिमंडल में ले आया। सारंगी कई सालों से समाजसेवा में लगे हैं। उन्होंने शादी भी नहीं की है। वह रामकृष्ण मठ में साधु बनना चाहते थे। इसके लिए वह कई बार मठ भी गए थे, लेकिन जब मठ वालों को पता लगा कि उनके पिता नहीं है और उनकी मां अकेली हैं, तो मठ वालों ने उन्हें मां की सेवा करने को कहा। पिछले साल उनकी मां का देहांत हुआ है।

सारंगी लंबे समय तक आरएसएस से जुड़े रहे हैं और इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बालासोर संसदीय सीट से बीजद प्रत्याशी रबींद्र कुमार जेना को 12,956 मतों से हरा दिया।

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सारंगी को ओडिशा का मोदी भी कहा जाता है। वह दो बार ओडिशा विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं। सारंगी ने जिस अंदाज में चुनाव लड़ा, वह भी बिल्कुल अलग था। जहां, दूसरे उम्मीदवार बड़ी-बड़ी गाड़ियों में बैठकर चुनावी कैंपेन कर रहे थे, वहीं सारंगी ऑटोरिक्शा रैली करते थे। वह साइकिल से कैंपेन करने निकल पड़ते थे। वह प्रोफेशनल मैनेजर्स से ज्यादा अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर निर्भर थे।

यह पहला मौका नहीं है जब प्रताप चंद्र सारंगी ने लोकसभा चुनाव लड़ा हो। उन्होंने साल 2014 में भी लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें रबींद्र कुमार जेना ने हरा दिया था। राष्ट्रीय चुनाव लड़ने से पहले सारंगी 2004 से 2014 तक ओडिशा विधानसभा के सदस्य रहे हैं।