अब नहीं होगी राजस्थान में बिजली कटौती, डिमांड से ज्यादा है उपलब्ध, 15 से बढ़कर आई कोयले की 18 रैक

राजस्थान में एक समय ऐसा आ गया था कि कोयले की कमी की वजह से बिजली के प्लांट बंद हो गए थे और उत्पादन से ज्यादा डिमांड होने लगी थी जिस वजह से प्रदेश के कई घंटों की बिजली कटौती की जा रही थी। लेकिन अब बिजली की डिमांड में कमी और उपलब्धता में बढ़ोतरी की स्थिति बन रही है। प्रदेश में अब डिमांड से ज्यादा है बिजली उपलब्ध हैं। इसके साथ ही अब राज्य में बिजली कटौती नहीं की जाएगी। बिजली कंपनियों का दावा है कि दो दिन से यह कटौती बंद कर दी गई है। हालांकि राज्य में दिवाली पर मेंटेनेंस के कारण फेजवार कुछ-कुछ कॉलोनी-बस्तियों में बिजली कटौती का दौर जारी रह सकता है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में निर्देश भी दिए थे कि दिवाली और ईद सहित त्योहारी सीजन में बिजली या तो काटी ही नहीं जाए, या फिर कम से कम कटौती हो। ऐसे में दो दिन पहले से ही कटौती बंद कर दी गई है। प्रदेश में अब बिजली की उपलब्धता 9926 मेगावाट पहुंच गई है, जो औसत डिमांड 9773 से कुछ ज्यादा है। सोमवार और मंगलवार को बिजली की कटौती शून्य यानी जीरो लेवल पर रही है। ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला राज्य में बिजली की मांग, उपलब्धता की मॉनिटरिंग करके सीएम को रिपोर्ट कर रहे हैं। साथ ही एसीएस और बिजली कंपनियों के आला अफसरों से मुख्यमंत्री भी फीडबैक ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिजली संकट के दौर में आम लोगों सहित सभी से बिजली बचाने की अपील की है। गहलोत रेग्युलर बिजली और कोयले की उपलब्धता का हाई लेवल रिव्यू कर रहे हैं। विभाग के सूत्र बताते हैं कि उसी का रिजल्ट है कि अधिकारी भी इन दिनों पूरी तरह सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। ऊर्जा विभाग के एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 19 अक्टूबर को प्रदेश में बिजली की औसत उपलब्धता करीब 9926 मेगावाट रही। वहीं औसत अनुमानित मांग 9773 मेगावाट और अधिकतम मांग करीब 10500 मेगावाट रही। उन्होंने बताया कि एक तरफ मौसम में बदलाव के कारण बिजली की मांग में कमी आ रही है, तो दूसरी तरफ प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने की कोशिश की जा रही है।

हाई लेवल कोशिशों से कोयले की 15 से बढ़कर 18 रैक आईं

बेहतर कॉर्डिनेशन और हाई लेवल की कोशिशों से सोमवार देर रात कोयले के 3 रैक ज्यादा डिस्पैच होकर कुल 18 रैक आई हैं। जबकि इससे पहले 2 दिन से कोयले की 15-15 रैक ही डिस्पैच हो पा रही थीं। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोल इंडिया की सब्सिडियरी यूनिट एनसीएल से 3 रैक डिस्पैच हुई हैं। वहीं एसईसीएल से कोयले की 3 रैक रेलवे से और एक रैक रेल कम रोड वे से डिस्पैच हुई है। इसी तरह से राज्य सरकार के कोल ब्लॉक से कोयले की 11 रैक डिस्पैच हुई हैं।