नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सोमवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश को यह साबित करने के लिए अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले अधिकारियों को प्रभावित करने के कथित प्रयास में 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था। कांग्रेस नेता ने शनिवार को अमित शाह पर जिलाधिकारियों, कलेक्टरों और रिटर्निंग अधिकारियों से संपर्क करने का आरोप लगाया और इसे खुलेआम धमकी कहा, जो दिखाता है कि भाजपा कितनी हताश है।
आरोप पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने रमेश को एक पत्र जारी किया और उनसे रविवार शाम 7 बजे तक अपने दावे के समर्थन में विवरण साझा करने को कहा।
चुनाव परिणाम से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कांग्रेस नेता द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर संदेह करना सही नहीं है।
राजीव कुमार ने कहा, क्या कोई उन सभी को प्रभावित कर सकता है? (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग अधिकारी) सभी को? क्या कोई 500-600 लोगों को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया। हम उस व्यक्ति को दंडित करेंगे जिसने ऐसा किया। उन्हें वोटों की गिनती से पहले विवरण बताना चाहिए। यह सही नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और सभी पर संदेह करें।
उन्होंने दोहराया कि विपक्ष को आरोपों के सबूत साझा करने चाहिए ताकि पैनल उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी विदेशी प्रयास से निपटने के लिए तैयारी की थी, लेकिन ये आरोप देश के भीतर से ही आए हैं।
चुनाव आयोग ने कहा, आरोप लगाने वालों को बताना चाहिए कि किस डीएम पर दबाव डाला गया था, और हम उन्हें दंडित करेंगे। उन्हें मतगणना प्रक्रिया शुरू होने से पहले हमें बताना चाहिए। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए मतों की गिनती मंगलवार को होनी है।