
केरल के कन्नूर जिले में स्थित सर सैयद कॉलेज को दी गई वक्फ जमीन को लेकर राज्य में जबरदस्त राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मामले में अपने सहयोगी दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने IUML पर 25 एकड़ वक्फ जमीन पर कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाया है।
विवाद की जड़ में है तलिपरम्बा जमात मस्जिद के स्वामित्व वाली वह जमीन, जिसे वर्ष 1967 में सर सैयद कॉलेज को लीज़ पर दिया गया था। उस वक्त वक्फ संपत्ति के प्रबंधक केवी सईनुद्दीन हाजी थे। कॉलेज का संचालन IUML से जुड़ी संस्था करती है और प्रबंधन का कहना है कि वे 1967 से लगातार उस जमीन का टैक्स भर रहे हैं।
हालांकि, 2021 में दो व्यक्तियों ने शिकायत करते हुए कहा कि जमीन पर टैक्स मस्जिद को देना चाहिए, न कि कॉलेज को। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए तालिपरम्बा के राजस्व अधिकारी ने संपत्ति के सरकारी दस्तावेज़ में मालिकाना नाम कॉलेज से बदलकर मस्जिद के नाम कर दिया।
इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने केरल हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि संबंधित मस्जिद वक्फ संपत्ति नहीं है, बल्कि यह नारिकोट्टु एत्तिशेरी इलम नामक निजी स्वामित्व वाली संपत्ति है। इसी हलफनामे को लेकर विवाद और गहरा गया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने IUML नेतृत्व से सवाल किया कि जब केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए नया कानून ला रही है, तब IUML जैसी पार्टी की तरफ से ऐसा विरोधाभासी रुख क्यों अपनाया जा रहा है? उन्होंने कहा, जब देशभर में वक्फ जमीनों को लेकर चिंता है, ऐसे समय IUML नेतृत्व के इस रुख से जनता में गहरा असंतोष है।
विवाद पर सफाई देते हुए कॉलेज के महासचिव महमूद अल्लमकुलम ने कहा कि हलफनामे में कहीं भी यह नहीं कहा गया कि जमीन वक्फ नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कॉलेज को बदनाम करने के लिए कुछ लोग साजिश रच रहे हैं।