जेल में ही रहेगा PNB घोटाले का मुख्‍य आरोपी नीरव मोदी, अदालत से फिर नहीं मिली जमानत

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी जेल में ही रहेगा। ब्रिटेन की अदालत ने पीएनबी घोटाले (PNB Scam) के मुख्‍य आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को जमानत देने से किया इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि भगोड़ा हीरा कारोबारी आत्मसमर्पण नहीं करेगा। इससे पहले 48 वर्षीय नीरव मोदी दूसरी बार जमानत की याचिका लेकर वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश हुआ। नीरव मोदी ने अदालत में पहली बार पेशी की तरह इस बार भी सफेद कमीज पहनी हुई थी। ईडी ने ही नीरव मोदी के प्रत्यपर्ण की अर्ज़ी लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में दी थी। नीरव मोदी जनवरी 2018 से ही भारत से फरार है। बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने कहा कि नीरव मोदी द्वारा वानूआतू की नागरिकता हासिल करने का प्रयास यह दर्शाता है कि वह महत्वपूर्ण समय के दौरान भारत से दूर जाना चाहता है। मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 26 अप्रैल की तारीख तय की है। अलगी सुनवाई वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए होगी।

इससे पहले भारतीय प्राधिकरण की ओर से दलील पेश करते हुए क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा कि नीरव मोदी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उसके भागने की आशंकाएं हैं। यहां तक कि उसने अपने धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग से जुड़े मामलों के गवाहों को जान से मारने की भी धमकी दी है।

सीपीएस बैरिस्टर टोबी कैडमैन ने जज से कहा, इस बात की काफी संभावना है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का प्रमुख अभियुक्त भाग सकता है और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। नीरव मोदी घोटाले से जुड़ी राशि एक से दो अरब डॉलर है।

मध्य लंदन की एक बैंक शाखा से गिरफ्तार हुआ था नीरव मोदी


नीरव मोदी की तरफ से सबूतों से छेड़छाड़ का उदाहरण देते हुए सीपीएस बैरिस्टर ने बताया कि एक गवाह आशीष लाड को उसने फोन पर जान से मारने की धमकी दी और झूठी गवाही देने पर 20 लाख रुपये देने की पेशकश की।

अदालत को बताया गया कि नीरव मोदी ने ऐसे देशों में नागरिकता लेने का प्रयास किया, जहां भारत यदि उसके प्रत्यर्पण का आग्रह करता तो उसे स्वीकार किए जाने की संभावना कम रहती। इनमें वानूआतू शामिल है। उसने 2017 के अंत में दो लाख डॉलर के निवेश के जरिये वानूआतू की नागरिकता लेने का प्रयास किया लेकिन भारत में चल रहे मामले की वजह से उसके आग्रह को खारिज कर दिया गया।

इससे पहले क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने भारत की ओर से अदालत में अतिरिक्त सबूतों के दस्तावेज पेश किये। मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने इस बारे में टिप्पणी की, ‘‘यह महज कुछ कागजों वाली बड़ी फाइल है।’’ अर्बथनॉट ने ही पिछले साल दिसंबर में विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इससे पहले जिला न्यायाधीश मैरी मैलोन की अदालत में पहली सुनवाई में नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है। नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड ने मध्य लंदन की एक बैंक शाखा से गिरफ्तार किया था। वह वहां नया खाता खुलवाने गया था।