Chandrayaan 2: राष्ट्र के नाम संबोधन में PM मोदी ने कहा, हम असफल हो सकते लेकिन हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी

‘चंद्रयान-2’ (Chandrayaan 2) के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबंधित घटनाक्रम के मद्देनजर राष्ट्र को संबोधित किया और ISRO के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। इससे पहले भी देर रात उन्होंने लैंडर का संपर्क टूट जाने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों से कहा था, ‘देश को आप पर गर्व है। सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें। हौसला रखें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।’ आइए, जानते हैं राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा:

प्रधानमंत्री ने 'भारत माता की जय' के नारे के साथ की राष्ट्र के नाम संबोधन की शुरुआत।

ISRO के वैज्ञानिकों से पीएम मोदी ने कहा, 'आप मां भारती का सर ऊंचा हो, इसके लिए पूरा जीवन खपा देते हैं, अपने सपनों को समाहित कर देते हैं।' मैं आपकी उदासी समझ सकता था, इसलिए ज्यादा देर नहीं रुका। कल रात मैं आपकी मनोस्थिति को समझ रहा था

पीएम मोदी ने कहा, 'बहुत सी उम्मीदें थी, पल-पल आपने बड़ी बारीकी से इसको बढ़ाया था। आज भले ही कुछ रुकावटें आई हों, लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं हुआ, बल्कि और मजबूत हुआ है'

पीएम मोदी ने कहा, 'आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छाशक्ति और संकल्प और प्रबल हुआ है, और मजबूत हुआ है।'

पीएम मोदी ने कहा, ' हमारे वैज्ञानिकों के संकल्प और हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत ने न सिर्फ हमारे नागरिकों के बेहतर जीवन के लिए काम किया है बल्कि पूरी मानवता के लिए किया है। हम अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरे हैं कि वह दिन जरूर आएगा। हमारे लिए अभी कई नए आयाम हैं जिन पर हमें पहुंचना है'

पीएम मोदी ने कहा, 'अपने वैज्ञानिकों से मैं कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है। आप सब महान प्रफेशनल हैं जिन्होंने देश की प्रगति के लिए संपूर्ण जीवन दिया और देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई मौके दिए। आप लोग मक्खन पर लकीर करनेवाले लोग नहीं हैं पत्थर पर लकीर करनेवाले लोग हैं'

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के परिवार को भी सलाम करता हूं। उनका मौन लेकिन बहुत महत्वपूर्ण समर्थन आपके साथ रहा। हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी। हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे'

पीएम मोदी ने कहा, 'परिणामों की परवाह किए बिना निरंतर लक्ष्य की ओर बढ़ने की हमारी परंपरा भी रही है और हमारे संस्कार भी। खुद इसरो भी कभी हार न माननेवाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है। परिणाम अपनी जगह है, लेकिन मुझे और पूरे देश को अपने वैज्ञानिकों, अपने इंजिनियरों, आप सभी के प्रयासों पर गर्व है'

पीएम मोदी ने कहा, 'विज्ञान में हर प्रयोग हमें अपने असीम साहस की याद दिलाता है। चंद्रयान-2 के अंतिम पड़ाव का परिणाम हमारी आशा के अनुसार नहीं रहा, लेकिन पूरी यात्रा शानदार रही है। इस पूरे मिशन के दौरान देश कई बार आनंदित हुआ है। अभी भी ऑर्बिटर पूरी शान से चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है। भारत दुनिया के अहम स्पेस पावर में से एक है'

पीएम मोदी ने कहा, 'ये आप ही लोग हैं जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह पर भारत का झंडा फहराया था। इससे पहले दुनिया में ऐसी उपलब्धि किसी के नाम नहीं थी। हमारे चंद्रयान ने दुनिया को चांद पर पानी होने की अहम जानकारी दी'

पीएम मोदी ने कहा, 'हमने 100 से अधिक सैटलाइट एक साथ लॉन्च कर रेकॉर्ड बनाया था। हमारे पास सक्सेस की इनसाइक्लोपीडिया है तो रुकावट के एक-दो उड़ान हमें नहीं रोक सकते। हम अमृतत्व की संतान हैं। हमें सबक लेना है, सीखना है, आगे ही बढ़ते जाना है। हम मिशन के अगले प्रयास में भी और उसके बाद के हर प्रयास में सफल होंगे'

पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा आप पर भी विश्वास है। मुझसे भी आपके सपने और ऊंचे हैं, मुझसे भी आपका संकल्प ऊंचा है। सिद्धियों को चूमने का सामर्थ्य रखता है आपका प्रयास। मैं आपको उपदेश देने नहीं आया हूं। सुबह-सुबह आपके दर्शन आपसे प्रेरणा पाने के लिए किए हैं। आप अपने आप में प्रेरणा का समंदर हैं'

पीएम मोदी ने कहा, 'ऐसी सामर्थ्यवान, ऊर्जावान, सिद्धि के लिए समर्पित इन साथियों की टोली को अनेक-अनेक बधाई देता हूं।'

इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारत माता की जय के साथ अपना संबोधन समाप्त किया।