PM मोदी बोले- पुलवामा हमले में वीर जवानों की शहादत पर सवाल उठाने वालों को पाकिस्तान के कबूलनामे ने बेनकाब कर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। आज सरदार पटेल की 145वीं जयंती भी है। पीएम मोदी आज स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे और सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पीएम मोदी राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए। इसके साथ ही उन्होंने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास हो रहे एकता दिवस के प्रोग्राम को संबोधित किया। उन्होंने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा, 'देश कभी भूल नहीं सकता कि जब वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे। वे पुलवामा हमले में भी अपना राजनीतिक स्वार्थ खोज रहे थे।'

पीएम ने कहा कि उस वक्त वे सारे आरोपों को झेलते रहे, भद्दी भद्दी बातें सुनते रहे। मेरे दिल पर गहरा घाव था। लेकिन पिछले दिनों पड़ोसी देश से जिस तरह से खबरें आई है, जो उन्होंने स्वीकार किया है, इससे इन दलों का चेहरा उजागर हो गया है।

पीएम ने कहा, 'जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।'

बता दे, पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने गुरुवार को संसद में माना कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान की कामयाबी है। फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले का श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को दिया। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान के लिए एक उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की दुहाई देते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देश विरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।

पटेल को याद करते हुए मोदी ने धारा 370 की बात भी छेड़ी। उन्होंने कहा, 'देश में कई ऐसे काम हुए हैं जो असंभव मान लिए गए थे। कश्मीर से धारा 370 हटने का एक साल पूरा हो गया है। सरदार साहब के रहते उन्हें ही यह जिम्मेदारी दे दी जाती, तो यह काम हमें नहीं करना पड़ता। कश्मीर से 370 हटाना सरदार साहब का सपना था। कश्मीर अब विकास के रास्ते पर बढ़ चुका है।'

मोदी ने कहा, 'देश आज के लौहपुरुष को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है। देश एक बार फिर लौहपुरुष की गगनचुंबी प्रतिमा के तले विकास करने की बात दोहरा रहा है। कल मैंने केवडिया में जंगल सफारी समेत कई टूरिज्म प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया था।'

'यह स्थान भारत का तीर्थस्थल बन गया है। यह स्थान दुनिया के टूरिज्म मैप पर छाने वाला है। आज यहां सी-प्लेन सेवा की शुरुआत होने जा रही है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने के लिए लोगों को अब सी-प्लेन की सुविधा मिलेगी। यहां के लोगों को रोजगार के भी नए मौके मिल रहे हैं। मैं गुजरात सरकार, यहां के सभी नागरिकों और 130 करोड़ देशवासियों को बधाई देता हूं।'

'ये भी अद्भुत संयोग है कि आज महर्षि वाल्मीकि जयंती भी है। भारत को और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले महर्षि वाल्मीकि ने किया था। भगवान राम के आदर्श देश के कोने-कोने में गूंज रहे हैं, तो इसका श्रेय महर्षि वाल्मीकि को जाता है।'

'तमिल के महाकवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती ने जिस भाव को प्रकट किया, दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा में कहा- चमक रहा उत्तुंग हिमालय। जोड़ नहीं जिसका धरती पर, वो नगरराज हमारा है। आगे कौन जगत में हमसे, यह है भारत देश हमारा। भारत के लिए इस अद्भुत भावना को मां नर्मदा के किनारे सरदार साहब की प्रतिमा की छांव में करीब से महसूस कर सकते हैं। यही बात हमें विपत्ति से लड़ना और जीतना सिखाती है।'

फ्रांस में कार्टून विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ देशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रगति के इन प्रयासों के बीच, कई ऐसी चुनौतियां भी हैं जिसका सामना आज भारत, और पूरा विश्व कर रहा है। बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है।

पीएम ने कहा कि आज के माहौल में, दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है। शांति-भाईचारा और परस्पर आदर का भाव ही मानवता की सच्ची पहचान है। आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता है।

चीन का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि आज के भारत का उसकी सीमाओं के लिए नजर और नजरिया दोनों बदल गया है। आज का भारत सीमा पर सड़कें, पुले बना रहा है। आज भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है। आज का भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है।

आज हम 130 करोड़ देशवासी मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं जो सशक्त भी हो और सक्षम भी हो। जिसमें समानता भी हो, और संभावनाएं भी हों।