PoK में Air Strike: जैश के शिविरों पर हवाई हमले की PM मोदी कर रहे थे निगरानी, पूरी रात नहीं ली झपकी

जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों पर पाकिस्‍तान (Pakistan) समर्थित जैश-ए-मोहम्‍मद (Jaish-e-Mohammed) द्वारा किए गए आतंकी हमले से नाराज भारत ने मंगलवार तड़के आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को सुबह साढ़े 3 बजे 12 मिराज 2000 भारतीय लड़ाकू जेट विमानों ने एलओसी के पार जाकर आतंकवादी कैंपों पर निशाना बनाया। इसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है बताया जा रहा है कि इस हमले में 300 से ज्यादा आंतकियों को जानें गई हैं। वही इन सब ख़बरों के बीच सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी है कि जब भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान तड़के पाकिस्तान की जमीन पर मौजूद जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहे थे उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर जगकर पूरी अभियान पर नजर रखे हुए थे और तभी आराम करने गए जब सभी लड़ाकू विमान और पायलट सुरक्षित लौट आए। सूत्र ने बताया कि एक बार जब अभियान खत्म हो गया तब उन्होंने अधिकारियों से इस हवाई हमले में शामिल सभी पायलटों की कुशलता की जानकारी ली। जब यह स्पष्ट हो गया कि सभी सुरक्षित हैं तब प्रधानमंत्री वहां से अलग हुए और दूसरे मामलों पर अपना ध्यान लगाया क्योंकि प्रधानमंत्री आवास पर सुबह 10 बजे मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक समेत उनका दिन भर का व्यस्त कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था। इसके बाद वह राष्ट्रपति भवन गए जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2015 से 2018 तक के लिए गांधी शांति पुरस्कार दिये। बाद में मोदी एक रैली के लिये राजस्थान गए और वहां से नई दिल्ली लौटकर इस्कॉन के कार्यक्रम में शामिल हुए।

नाम न जाहिर करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक सूत्र ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने पूरी रात झपकी भी नहीं ली और इस पूरे अभियान से अंत तक जुड़े रहे।' सूत्र ने कहा कि सोमवार रात को मोदी ने ताज पैलेस होटल में न्यूज18 के एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सवा नौ बजे करीब घर के लिये रवाना हुए थे। 10 मिनट में सात लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पहुंचे मोदी ने हल्का खाना खाया और अभियान से जुड़ गए जिनमें आतंकी शिविर पर हवाई हमले की तैयारियों का लेखा जोखा शामिल था।

यह अभी स्पष्ट नहीं था कि वह अपने घर पर थे या किसी दूसरे स्थान पर जहां एक कंट्रोल रुम से ऐतिहासिक घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही थी। प्रधानमंत्री के एक करीबी सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री अभियान के दौरान और उसके बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ के साथ संपर्क में थे।