जैसलमेर में टैंक पर सवार हुए पीएम मोदी, चीन और पाकिस्तान पर किया प्रहार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दीपावली के मौके पर राजस्थान में लोंगेवाला (Longewala) पोस्ट पर जवानों को संबोधित किया। इस दौरान चीन और पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत को आजमाने का अंजाम बहुत बुरा होगा। चीन पाकिस्तान का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत यूं तो समझने और समझाने में यकीन रखता है, लेकिन अगर किसी ने भारत को आजमाने की कोशिश की तो जवाब प्रचंड मिलेगा।

भारत-पाकिस्तान के बीच अभूतपूर्व युद्ध का गवाह रहे और भारतीय सैनिकों के अदम्य शौर्य का प्रतीक लोंगेवाला बॉर्डर पर सैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है।

पीएम ने कहा कि विस्तारवाद 18वीं शताब्दी की सोच है, इस सोच में मानसिक विकृति है और इससे पूरी दुनिया परेशान है। पड़ोसियों की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और अठ्ठारहवीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है। पीएम ने कहा कि दुनिया का इतिहास हमें ये बताता है कि केवल वही राष्ट्र सुरक्षित रहे हैं, वही राष्ट्र आगे बढ़े हैं जिनके भीतर आक्रांताओं का मुकाबला करने की क्षमता थी।

सैनिकों का उत्साहवर्धन करते हुए पीएम ने कहा कि भारत का ये रुतबा, ये कद आपकी शक्ति और आपके पराक्रम के ही कारण है। आपने देश को सुरक्षित किया हुआ है इसीलिए आज भारत वैश्विक मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है। साल 1971 के युद्ध का जिक्र कर पीएम ने कहा कि आज भारत अपने घरों में घुसकर आतंकवादियों और उनके सरगनाओं को मारता है। दुनिया अब समझती है कि यह राष्ट्र किसी भी कीमत पर अपने हितों के साथ समझौता नहीं करेगा। भारत की यह ख्याति और कद आपकी ताकत और वीरता के कारण है।

प्रधानमंत्री ने कहा- 'देश की सरहद पर अगर किसी एक पोस्ट का नाम देश के सबसे ज़्यादा लोगों को याद होगा, अनेक पीढ़ियों को याद होगा, उस पोस्ट का नाम लोंगेवाला पोस्ट है। इस पोस्ट पर आपके साथियों ने शौर्य की एक ऐसी गाथा लिख दी है जो आज भी हर भारतीय के दिल को ​जोश से भर देती है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भले ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग कितना ही आगे क्यों न आ गया हो, समीकरण कितने ही बदल क्यों न गए हों, लेकिन हम कभी नहीं भूल सकते कि सतर्कता ही सुरक्षा की राह है, सजगता ही सुख-चैन का संबल है। सामर्थ्य ही विजय का विश्वास है, सक्षमता से ही शांति का पुरस्कार है।