पीएम नरेन्द्र मोदी बायोपिक: सोमवार को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, निर्माता की याचिका स्वीकार

केन्द्रीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बॉयोपिक की रिलीज पर रोक लगा दी है। अब आयोग के इस आदेश के बाद फिल्म के निर्माता इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्माताओं की याचिका को मंजूर कर लिया है और अब वह आगामी सोमवार को इस पर सुनवाई करेगा। निमार्ताओं द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार से जुड़े मुद्दे को उठाते हुए अपनी याचिका दायर किए जाने के बाद अदालत ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी।

फिल्म निमार्ताओं की याचिका गुरुवार को शीर्ष अदालत के एक फैसले के बाद आई है जिसमें राजनीतिक व्यंग्य पर आधारित एक बंगाली फिल्म ‘भोबिष्योतेर भूत’ पर अप्रत्यक्ष प्रतिबंध लगाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार के साथ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित इस फिल्म पर चुनाव आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए रोक लगा थी। गौरतलब है कि पहले यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। फिल्म में विवेक ओबेरॉय पीएम मोदी के किरदार में हैं। आयोग ने बुधवार को अपने आदेश में कहा था कि चुनाव के दौरान ऐसी किसी फिल्म के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती है, जो किसी राजनीतिक दल या राजनेता के चुनावी हितों के उद्देश्य को पूरा करती हो।

विपक्षी दलों की शिकायत पर आयोग ने इसके प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। शिकायत में कहा गया है कि मोदी पर आधारित बायॉपिक को चुनाव के दौरान प्रदर्शित करने का मकसद बीजेपी को चुनावी फायदा पहुंचाना है इसलिए चुनाव के दौरान इसके प्रदर्शन की अनुमति देने से चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा।

इन सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह फिल्म आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती है या नहीं, यह फैसला चुनाव आयोग ही करेगा। याचिकाकर्ता का आरोप था कि फिल्म मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा था कि फिल्म मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करती है, इस पर फिल्म को देखे बिना निर्णय नहीं लिया जा सकता है और इसलिए यह फैसला इलेक्शन कमिशन पर छोड़ा गया था।