पाकिस्तान में हुए चुनाव और उसमें पीटीआई के नेता इमरान खान की शानदार जीत के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पड़ोसी देश होने के नाते हम चाहते हैं पाकिस्तान एक आतंक मुक्त देश बने और वहां के नए प्रधानमंत्री दोनों देश के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर काम करें। पीएम मोदी ने कहा कि मैं शुरू से कहता रहा हूं कि हम अपने पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। इसके लिए कई बार मैंने खुद ही पहल भी की। मैंने हाल में ही इमरान खान को चुनाव में उनकी जीत के लिए बधाई दिया है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हम पाकिस्तान से उम्मीद करते हैं कि वह सुरक्षित, संपन्न और हिंसा मुक्त राष्ट्र बने। साथ की साथ पीएम मोदी ने अपने इंटरव्यू में पीएम मोदी ने मॉब लिंचिंग, बेरोजगारी और एनआरसी के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी।
नागरिकता साबित करने का पूरा मौका दिया - एनआरसी पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिक को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा।
- उन्होंने आश्वस्त किया कि जिन लोगों का नाम लिस्ट में नहीं है उन्हें उनकी नागरिकता साबित करने का पूरा मौका दिया जाएगा।
- पीएम मोदी ने ममता बनर्जी के उस बयान पर भी बोला, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश में सिविल वॉर की बात कही थी।
ममता जी उस समय सही थीं या आज- पीएम मोदी ने आरोप कि कांग्रेस एनआरसी पर भी राजनीति कर रही है।
- एनआरसी की बुनियाद तीन दशक पुरानी है, जब राजीव गांधी ने असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। कई बार कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन उन्होंने इस पर कुछ भी नहीं किया।
- हमने सत्ता में आने के बाद एनआर को हमने वादे के मुताबिक लागू किया। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक भी भारतीय नागरिक को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा।
- मोदी ने 2005 में संसद में ममता के घुसपैठियों के खिलाफ दिए बयानों का जिक्र करते हुए पूछा कि ममता जी उस समय सही थीं या आज घुसपैठियों के पक्ष में बोलने पर सही हैं। आज वह एनआरसी पर गृहयुद्ध और खूनखराबे पर बात करती हैं।
आर्थिक हालात, भीड़ हिंसा, महिलाओं के उत्पीड़न पर विपक्ष के हमलों का करारा जवाब दिया- रोजगार के मुद्दे पर लगातार विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रहे पीएम ने इस मुद्दे पर भी बात की। पीएम ने कहा कि पिछले एक साल में ही एक करोड़ से ज्यादा रोजगार दिए गए, इसलिए ऐसा प्रचार करना कि रोजगार पैदा नहीं हो रहे, निश्चित रूप से बंद होना चाहिए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में मौत की सजा का प्रावधान किया- मोदी ने भीड़ हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों पर खामोश रहने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी एक भी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।
- मैंने और कई भाजपा नेताओं ने बार-बार हिंसा के खिलाफ स्पष्ट शब्दों में बोला है। ये सब रिकॉर्ड में है। हमने शब्दों से आगे बढ़कर काम किया है।
- गृह मंत्रालय के काम पर नजर डालिए कि हिंसा की घटनाओं के खिलाफ हमने क्या काम किया। ऐसी घटनाओं के खिलाफ राजनीति से ऊपर उठकर एकसाथ खड़े होना चाहिए। ऐसी घटनाओं को महज संख्याओं में आंकना और फिर उन पर राजनीति करना उचित नहीं है। ज्यादातर लोग राजनीतिक फायदे के लिए इसका इस्तेमाल करने लगते हैं।
- पीएम ने कहा, ‘मैंने सत्ता में आने बाद लाल किले से पहले भाषण में ही कहा था कि महिलाओं का सम्मान सुनिश्चित करना सरकार, समाज, परिवार और हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। सरकार के स्तर पर हमने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में मृत्युदंड तक का प्रावधान किया। ऐसी घटनाओं के मुकदमों की सुनवाई में तेजी आई है। अब मौत की सजा भी दी जा रही है।
यूपीए सरकार के दौर से यह जीएसटी अलग है- उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौर से यह जीएसटी अलग है।
- तत्कालीन वित्त मंत्री विभिन्न राज्यों की समस्याएं सुनने को तैयार नहीं थे और वह ‘माई वे या हाईवे’ का तरीका अपनाते थे। सिर्फ गुजरात ही नहीं, कई राज्यों को इस पर भरोसा नहीं था।
- उन्होंने वादे के मुताबिक राज्यों को जीएसटी का मुआवजा नहीं दिया।
- एनडीए सरकार पहले पांच साल तक राज्यों को नुकसान की भरपाई देने पर सहमत हुई, तभी यह जीएसटी लागू हुआ।
- हमारा जीएसटी मॉडल सभी राज्यों की चिंताओं के प्रति सजग था इसलिए इसे सभी राज्यों ने स्वीकार किया। योग, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत, एनआरसी, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हर मुद्दे पर विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है।