अफगानिस्तान में लाइब्रेरी : डोनाल्ड ट्रंप ने PM मोदी पर कसा तंज, कांग्रेस बोली- भारत को उपदेश की जरूरत नहीं, प्रधानमंत्री का मजाक बनाना बंद करिए

अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के लिए भारत द्वारा की जाने वाली फंडिंग को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पीएम मोदी पर तंज कसा था जिसकी कांग्रेस ने आलोचना की है। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रंप से हुई मुलाकात के दौरान उन्‍हें अफगानिस्‍तान की इस लाइब्रेरी को वित्‍तीय मदद देने की जानकारी थी। इस पर ट्रंप ने बुधवार को तंज कसते हुए कहा कि अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के लिए पैसे देना किसी काम का नहीं है, इसका कौन इस्‍तेमाल करेगा। कांग्रेस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि अफगानिस्तान में विकास कार्यों के संदर्भ में भारत को अमेरिका से उपदेश की जरूरत नहीं है। ट्रंप की टिप्पणी को ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए पार्टी ने कहा कि भारत सरकार इसका कड़ा जवाब देगी।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रिय ट्रंप, भारत के प्रधानमंत्री का मजाक बनाना बंद करिए। अफगानिस्तान में भारत के कार्यों कार्यों को लेकर हमें अमेरिका के उपदेश की जरूरत नहीं है। मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत ने अफगानिसतान में नेशनल असेंबली की इमारत बनाने में मदद की। मानवीय जरूरतों से लेकर रणनीतिक-आर्थिक साझेदारी तक, हम अफगान भाइयों एवं बहनों के साथ हैं।’

वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी ठीक नहीं है और यह अस्वीकार्य है। हमें उम्मीद है कि सरकार सख्ती से इसका जवाब देगी और अमेरिका को यह याद दिलाएगी कि भारत ने अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर सड़कें एवं बांध बनवाएं हैं तथा तीन अरब डॉलर के मदद की प्रतिबद्धता भी जताई है।’

आपको बता दें कि अफगानिस्तान में एक ‘पुस्तकालय’ का वित्त पोषण करने के लिए ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि युद्ध से प्रभावित देश में इसका कोई मतलब नहीं है। साथ ही उन्होंने उस देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त काम नहीं करने को लेकर भारत एवं अन्य देशों की आलोचना की थी।

बता दे, 2015 में अफगानिस्तान की संसद का उद्घाटन करते समय पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगानी युवाओं को आधुनिक शिक्षा देने की घोषणा की थी। साथ ही प्रोफेशनल स्किल्स को बढ़ाने का वादा किया था।

भारत ने अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाई को लेकर हमेशा उत्साह दिखाया है क्योंकि तालिबान शासन के दौरान भारत विरोधी आतंकवाद काफी बढ़ रहा था। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में भारत की बढ़ती भूमिका ने पाकिस्तान को सतर्क कर दिया है क्योंकि पाकिस्तान की आईएसआई तालिबान के संपर्क में थी। बता दें कि ट्रंप ने पिछले महीने अमेरिका से अपने सारे दो हज़ार सेना के जवानों को सीरिया से बाहर कर दिया था और अफगानिस्तान में मौजूद 14 हज़ार सैनिकों की संख्या भी आधी कर दी थी।