प्रोबेशनरी IAS अफसरों से बोले PM मोदी- दिमाग में बाबू न आने दें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर शनिवार को प्रोबेशनरी IAS अफसरों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश जिस मोड में काम कर रहा है, उसमें आप सभी ब्यूरोक्रेट्स की भूमिका मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस की ही है। पीएम ने कहा कि अफसरों को सरदार साहब की सलाह थी कि देश के नागरिकों की सेवा अब आपका सर्वोच्च कर्तव्य है। मेरा भी यही आग्रह है कि सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय ले, वो राष्ट्रीय संदर्भ में हों, देश की एकता अखंडता को मजबूत करने वाले हों। पीएम ने कहा- आपका क्षेत्र भले ही छोटा हो, आप जिस विभाग को संभाले उसका दायरा भले ही कम हो, लेकिन फैसलों में हमेशा लोगों का हित होना चाहिए, एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य होना चाहिए।

आपको ये सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के जीवन में आपका दखल कैसे कम हो, सामान्य मानवी का सशक्तिकरण कैसे हो। पीएम ने कहा कि रूल और रोल का संतुलन जरूरी है और दिमाग में बाबू कभी मत आने दीजिए। सरकार शीर्ष से नहीं चलती है। नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है

पीएम ने कहा कि जनता केवल सरकार की नीतियों की, प्रोग्राम्स की रिसीवर नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है। इसलिए हमें गवर्नमेंट से गवर्नेंस की तरफ बढ़ने की जरूरत है।

पीएम ने कहा कि पहले के समय ट्रेनिंग में आधुनिक अप्रोच कैसे आए, इस बारे में बहुत सोचा नहीं गया। लेकिन अब देश में ह्यूमन रिसोर्स की आधुनिक ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है। आपने खुद भी देखा है कि कैसे बीते 2-3 वर्षों में ही सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग का स्वरूप बहुत बदल गया है। पीएम ने कहा कि ये ‘आरंभ’ सिर्फ आरंभ नहीं है, एक प्रतीक भी है और एक नई परंपरा भी। ऐसे ही सरकार ने कुछ दिन पहले एक और अभियान शुरू किया है- मिशन कर्मयोगी। मिशन कर्मयोगी, कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में अपनी तरह का एक नया प्रयोग है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में नए परिवर्तन के लिए, नए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, नए मार्ग और नए तौर-तरीके अपनाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका ट्रेनिंग की होती है, स्किल सेट के डेवल्पमेंट की होती है। स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता।

पीएम ने कहा- स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता। स्टील फ्रेम का काम देश को ये ऐहसास दिलाना भी होता है कि बड़े से बड़ा संकट हो या फिर बड़े से बड़ा बदलाव, आप एक ताकत बनकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे, फैसिलिटेट करेंगे। कहा कि देश में नए परिवर्तन के लिए, नए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, नए मार्ग और नए तौर-तरीके अपनाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका ट्रेनिंग की होती है, स्किल सेट के डेवलपमेंट की होती है।