पीएम मोदी ने दी सौगात - दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे, जाम और प्रदूषण से दिल्ली को मिलेगी मुक्ति, पूरे प्रॉजेक्ट की 10 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के 9 किमी के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह दिल्ली के सराय काले खां से यूपी गेट तक का है, जो 14 लेन का एक्सप्रेसवे पहले ही वाहनों के दबाव के कारण खोला जा चुका है, जबकि इसके बाकी दो हिस्सों पर अभी काम चल रहा है। जानकारी के अनुसार, इसके निर्माण में 842 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके शुरू होने से अब मेरठ से दिल्ली के बीच का सफर सिर्फ 45 मिनट में तय किया जा सकेगा। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर रोड शो किया। पीएम का रोड शो निजामुद्दीन ब्रिज से शुरू कर छह किलोमीटर तक चला। यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का लगभग नौ किलोमीटर का पहला चरण है।

रोड शो के दौरान 6 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाई गई। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए मिलेनियम पार्क से लेकर गाजीपुर तक के बीच छह किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाई गई। इस रोड शो के बाद प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से बागपत चले गए। वहां उन्हें एक रैली को संबोधित करना है।

3,918 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होनेवाले इस पूरे प्रॉजेक्ट की खासियत ये हैं।
1. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे शुरू होने से दिल्ली को जाम के साथ-साथ प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।
2. पहले हिस्से के पूरे होने से 60 मिनट का सफर 10 मिनट में पूरा किया जा सकता है।
3. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मेरठ जाने में सिर्फ 45 मिनट लगेंगे, अभी ट्रैफिक की वजह से यह दूरी 2 घंटे से ज्यादा में पूरी हो पाती है।
4. यह एक्सप्रेसवे कुल तीन हिस्सों में बनना है। इसका पहला हिस्सा (निजामुद्दीन ब्रिज से दिल्ली बॉर्डर) तक है, जो पूरा हो चुका है। यह 8.3 किलोमीटर का है। दूसरा हिस्सा (दिल्ली बॉर्डर से डासना) 19.3 किलोमीटर का है, जिसकी डेडलाइन मई 2020 दी गई है। तीसरा और आखिरी हिस्सा डासना से मेरठ तक है। 31.8 किलोमीटर का यह हिस्सा अक्टूबर 2019 तक पूरा होने का अनुमान है। इस तरह इस पूरे प्रॉजेक्ट की कुल लंबाई 60 किलोमीटर है।
5. यह एक्सप्रेसवे सराये काले खां से दिल्ली बॉर्डर, इंद्रापुरम, विजय नगर, लाल कुआं से होते हुए डासना जाएगा।
6. एक्सप्रेसवे का दिल्ली खंड रेकॉर्ड 18 महीने में तैयार हो गया है। इसमें 842 करोड़ रुपये की लागत आई है।
7 दिल्ली खंड में कुल 5 फ्लाईओवर, 4 अंडरपास और 1 फुटओवर ब्रिज बने हैं।
8. तीनों हिस्सों यानी पूरे प्रॉजेक्ट की लागत 3,918 करोड़ रुपये बताई गई है। हालांकि, इसमें जमीन अधिग्रहण के लिए दी गई राशि शामिल नहीं है।
9. इस एक्सप्रेसवे पर लोगों को ऐक्सेस कंट्रोल लाइन या सर्विस लाइन में चलने का ऑप्शन मिलेगा। ऐक्सेस कंट्रोल लाइन एक्सप्रेसवे का वह हिस्सा होता है जहां लोग सेफ्टी के साथ तेज स्पीड में वाहन चला सकते हैं।
10. एक्सप्रेसवे के इस हिस्से में सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल पर खास ध्यान दिया गया है, साथ ही 25 मीटर के साइकल ट्रैक और 2 मीटर के फुटपाथ की भी व्यवस्था है।