आम आदमी को जल्द लगेगा बड़ा झटका, 6 रुपये तक बढ़ सकती है पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी

केंद्र सरकार एक बार फिर से पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सरकार 3-6 रुपये प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ा सकती है। इससे पहले सरकार ने मई महीने के दौरान पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया था।

आपको बता दें कि मई 2014 में पेट्रोल पर कुल टैक्स 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। तब से आज तक पेट्रोल पर टैक्स बढ़कर 32.98 प्रति लीटर और डीजल पर टैक्स 31.83 रुपये प्रति लीटर है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार टैक्स बढ़ाए जाने से क्रूड के सस्ते होने का बावजूद ग्राहकों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है।

जानिए पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स और कमीशन के बारे में...

एक्स फैक्ट्री कीमत- 25.32 रुपये
भाड़ा व अन्य खर्चे -0.36 रुपये
एक्साइज ड्यूटी -32.98 रुपये
डीलर का कमीशन- 3.69 रुपये
VAT (डीलर के कमीशन के साथ) -18.71 रुपये

अब क्या होगा

अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान से निपटने के लिए सरकार तीसरे राहत पैकेज की तैयारी कर रही है। ऐसे में सरकार को ज्यादा फंड्स की जरुरत है। लिहाजा सरकार इसकी भरपाई टैक्स (एक्साइज ड्यूटी) से करना चाहती है।

अखबार को सूत्रों ने बताया कि 3-6 रुपये प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ सकती है। लेकिन सरकार चाहती है कि टैक्स बढ़ने के बाद पेट्रोल-डीज़ल महंगा नहीं होना चाहिए। इसीलिए नई योजना पर काम चल रहा है। माना जा रहा है कि कच्चे तेल के दाम गिरने के बाद जितना पेट्रोल-डीज़ल सस्ता होना चाहिए था। अब वो नहीं होगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल 45 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इसीलिए सरकार इसका फायदा उठाना चाहती है।

अब समझते है कि अगर एक रुपया एक्साइज ड्यूटी बढ़ती है तो सरकार को कितना फायदा होता है। पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में हर एक रुपये की बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के खजाने में 13,000-14,000 करोड़ रुपये सालाना की बढ़ोतरी होती है। वहीं क्रूड की कीमतें घटने से सरकार को व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलती है।