चाको ने दिवंगत शीला दीक्षित पर फोड़ा दिल्ली में कांग्रेस की हार का ठीकरा, कही ये बात

दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार 'जीरो' पाने वाली कांग्रेस में घमासान मच गया है। कांग्रेस के सिर्फ तीन उम्मीदवार- गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली, बादली से देवेंद्र यादव और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त ही अपनी जमानत बचा पाए हैं, बाकी सबकी जमानत तक जब्त हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अरविंद केजरीवाल को बधाई दी वहीं, दिल्ली महिला कांग्रेस चीफ शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उनसे चुभते हुए सवाल पूछे हैं। इधर, दिल्ली चुनाव प्रभारी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी चाको ने कहा कि आप के उदय के बाद कांग्रेस कभी भी अपना वोट बैंक वापस नहीं पा सकी। पीसी चाको ने कहा कि 2013 से ही दिल्ली में कांग्रेस की खराब हालत की शुरुआत हो गई थी। आम आदमी पार्टी के उदय के साथ ही कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक उसकी ओर शिफ्ट हो गया, जो आज भी लौटा नहीं है। चाको के इस बयान पर कांग्रेस के ही एक अन्य नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर जवाब दिया था। देवड़ा ने अपने ट्वीट में शीला दीक्षित की आलोचना करने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था।

दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी की जीत पर कांग्रेस की खुशी पर तंज किया है। पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए शर्मिष्ठा ने पूछा कि क्या कांग्रेस को अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए? आम आदमी पार्टी को जीत की चिदंबरम के बधाई देने वाले ट्वीट को अपने ऑफिशल हैंडल से री-ट्वीट करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा, 'सर, उचित सम्मान के साथ बस इतना जानना चाहती हूं कि क्या कांग्रेस पार्टी राज्यों में बीजेपी को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों को आउटसोर्स कर रही है? यदि नहीं, तो फिर हम अपनी हार पर मंथन करने के बजाय AAP की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं? और अगर ऐसा है, तो हमें (प्रदेश कांग्रेस कमिटी) संभवत: अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए।'

इससे पहले मंगलवार को भी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बीजेपी विभाजनकारी और केजरीवाल स्मार्ट पॉलिटिक्स कर रहे हैं तो हम (कांग्रेस) क्या कर रहे हैं? शर्मिष्ठा ने दिल्ली में कांग्रेस का खाता न खुलने पर ट्वीट करते हुए कहा, 'हम दिल्ली में फिर हार गए। आत्ममंथन बहुत हुआ अब कार्रवाई का समय है। शीर्ष स्तर पर निर्णय लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकजुटता का अभाव, कार्यकर्ताओं का निरुत्साह, नीचे के स्तर से संवाद नहीं होना हार के कारण हैं। मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं।'

आपको बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से घोषित अंतिम नतीजों के मुताबिक दिल्ली में AAP ने 53.57 फीसदी मतों के साथ कुल 62 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में बीजेपी को 38.51 प्रतिशत मत और 8 सीटों पर जीत मिली। वहीं, कांग्रेस लगातार दूसरी बार विधानसभा में अपना खाता नहीं खोल सकी।