निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने से पहले पवन जल्लाद ने PM मोदी से की अपील, कहा - अब मेरा जीना मुश्किल हो गया

तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। खबर है कि चारों दोषियों को 16 दिसंबर को फांसी दी जा सकती है। जिसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। इन चारों आरोपियों में से अधिकतम वजन वाले कैदी के वजन के हिसाब से एक डमी को फांसी देकर देखा गया। डमी में 100 किलो बालू-रेत भरी गई थी। डमी को एक घंटे तक फांसी के तख्ते पर लटकाए रखा गया। इसके पीछे का मकसद यह देखना था कि अगर दोषियों को फांसी दी जाती है तो क्या फांसी देने वाले वह स्पेशल रस्सी इनके वजन से टूट तो नहीं जाएगी। वही उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद (Pawan Jallad) को बुलाने के लिए लेटर लिखा गया है। लेकिन फांसी से पहले पवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से एक मार्मिक अपील की है। अब तो जीना भी मुश्किल हो गया है, ऐसा कहते हुए पवन एक लेटर में अपनी आपबीती लिखकर सभी को भेज रहा है।

पवन जल्लाद का कहना है कि कुछ समय पहले तक मुझे मेरठ जेल से 3000 रुपये महीना मानदेय मिलता था। मेरे अथक प्रयासों के बाद मानदेय बढ़ाकर 5000 रुपये मिलने लगा। लेकिन आज की इस महंगाई के दौर में अब 5000 रुपये भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। परिवार का पालन-पोषण करना कठिन होता जा रहा है। मैं बीते काफी समय से लगातार संबंधित अधिकारियों से मानदेय बढ़ाने के संबंध में गुहार लगा चुका हूं। लेकिन अभी तक इस मामले में मेरी सुनवाई नहीं हुई है। पवन जल्लाद का कहना है कि मेरा मकान टूट-फूट गया है। बच्चे बड़े हो गए हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई कराना मुश्किल होता जा रहा है। कई बार तो स्कूल की फीस तक नहीं जा पाती है। इस परेशानी को देखते हुए मेरे बेटे ने इस काम को करने के लिए अभी से मना कर दिया है। आर्थिक परेशानियों के चलते मेरा जीना मुश्किल हो गया है। साइकिल पर कपड़े रखकर गली-गली फेरी लगाता हूं, तब कहीं जाकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो पाता है।

बता दे, मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद का परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी जेल में फांसी देने का काम करता है। पवन से पहले उसके परदादा लक्ष्मण सिंह, दादा कल्लू जल्लाद और पिता मम्मू सिंह भी फांसी देने का काम करते थे। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब पवन फांसी देता है। पवन का बीवी, बच्चों संग छोटे-बड़े भाइयों वाला परिवार है।

बता दे, निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन को मंडोली की जेल नंबर-14 से तिहाड़ की जेल नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया है। जब पवन को मंडोली से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। एक बार को उसे लगा था कि यह उसकी आखिरी रात है। इसी जेल में निर्भया के चार दोषियों में से दो अक्षय और मुकेश भी बंद हैं। जबकि विनय शर्मा जेल नंबर-4 में कैद है। अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों तिहाड़ जेल में हर ओर निर्भया के दोषियों को ही फांसी पर लटकाने की बातें होती रहती हैं। इससे यह भी अब डरने लगे हैं। जेल प्रशासन का कहना है कि रोहिणी, मंडोली और तिहाड़ में से तिहाड़ की जेल नंबर-3 में ही फांसी का तख्ता है। उस पर उग रहे घास-फूस को साफ कर दिया गया है।