कांग्रेस के 13 विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद एचड कुमारस्वामी के नेतृत्व में जेडीएस-कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक संकट और गहराता जा रहा है। ये बात अलग है कि कांग्रेस और जेडीएस दोनों दलों का कहना है कि सरकार पर किसी तरह का खतरा नहीं है। इन सबके बीच बीजेपी का कहना है कि वो राज्य की राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर है। लेकिन वो सरकार बनाने की जल्दी में नहीं है। ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि राज्य में सरकार बनाने की गणित किसके पक्ष में है।
वही लोकसभा में कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी पर कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ये हमारे विधायकों को चार्टेड प्लेन से लेकर गए, उन्होंने कहा कि सरकार तोड़ने के लिए दल-बदलू की कोशिश की जा रही है और इसके लिए केंद्र सरकार साजिश रच रही है। चौधरी ने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहे हैं और आपकी पार्टी के नेताओं का इसमें हाथ है। उन्होंने कहा कि आपके 303 सांसद हैं लेकिन आपका पेट नहीं भरा है, आपका पेट और कश्मीरी गेट बराबर हो गया है। इसका जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नाटक से हमारी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है और प्रलोभन देकर आजतक हमने दल-बदल कराने की कोशिश नहीं की है। संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए हम लोग प्रतिबद्ध हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि त्यागपत्र का सिलसिला हम लोगों ने चालू नहीं किया ये सिलसिला कांग्रेस में राहुल गांधी ने शुरू किया है और वही सिलसिला लगातार चल रहा है। उन्होंने ही बड़े-बड़े नेताओं से इस्तीफा देने के लिए कहा था, जिसके बाद कांग्रेस में कई बड़े नेता अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
कर्नाटक के राजनीतिक संकट पर कांग्रेस और जेडीएस का कहना है कि बीजेपी अपनी कुटिल चाल के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। सिद्धारमैया का कहना है कि सरकार की पर किसी तरह की संकट नहीं है। गठबंधन की सरकार पूरे पांच साल तक बिना किसी बाधा के चलती रहेगी। लेकिन बीजेपी का कहना है कि सिद्धारमैया अपनी सरकार के लिए खुद ब खुद संकट बने हुए हैं। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस की तरफ से बीजेपी पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। कर्नाटक में किसको कितनी सीटें?
कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 113 है। इसमें बीजेपी के 105 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। इस तरह से दोनों के पास कुल 117 विधायक हैं। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और निर्दलीय विधायक भी गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन, 13 विधायकों को इस्तीफे से गठबंधन सरकार के पास 104 विधायक रह जाते हैं। हालांकि, अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने 13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।