भारत की पाबंदी से पाकिस्तानी यूट्यूबर्स परेशान, बोले– अब रोजी-रोटी का बड़ा संकट

भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर हाल में लगाए गए प्रतिबंध के बाद कई पाकिस्तानी यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स और पूर्व क्रिकेटरों ने गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह कदम उनके लिए आर्थिक और पेशेवर दोनों स्तरों पर बड़ा झटका है। खासतौर पर क्रिकेट-केंद्रित पाकिस्तानी यूट्यूबर्स के लिए भारत सबसे बड़ा दर्शकवर्ग रहा है।

भारत को क्रिकेट कंटेंट का प्रमुख डिजिटल बाजार माना जाता है, और इसी वजह से पाकिस्तानी यूट्यूबर्स के चैनलों पर व्यूज, कमाई और पहचान का बड़ा हिस्सा भारतीय दर्शकों से जुड़ा हुआ था। अब जब यह रास्ता बंद हो गया है, तो उनके सामने अपनी आजीविका को लेकर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

एक पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने IANS से बातचीत में कहा, हमारे यूट्यूब चैनलों के अधिकांश दर्शक भारत से आते थे। इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि हमारी लोकप्रियता और आमदनी का बड़ा आधार भारतीय ऑडियंस थी। यह प्रतिबंध हमारे लिए दोहरी मार है – पहचान और आमदनी दोनों पर।

दर्शक और आमदनी – दोनों में गिरावट


पिछले कुछ वर्षों में कई पाकिस्तानी क्रिकेट विश्लेषक, व्लॉगर और पूर्व खिलाड़ी भारत में लोकप्रिय हो गए थे। वे क्रिकेट पर नियमित टिप्पणियां करते, भारत-पाक मुकाबलों का विश्लेषण करते और कई बार भारतीय यूट्यूबर्स के साथ सहयोग में भी वीडियो बनाते थे। इन वीडियो से उन्हें व्यूज, ऐड रेवेन्यू और लाइव चैट से आय होती थी। लेकिन भारत में दर्शक खोने के बाद अब उनकी व्यूअरशिप और कमाई में भारी गिरावट आई है।

विशेषज्ञों की चेतावनी: लंबे समय तक रहेगा असर

डिजिटल मीडिया के जानकारों का मानना है कि यह रोक केवल अस्थायी असर नहीं डालेगी, बल्कि लंबे समय तक इसका प्रभाव रहेगा। लाहौर के एक सोशल मीडिया रणनीतिकार ने कहा, जो क्रिएटर्स पूरी तरह से यूट्यूब इनकम पर निर्भर थे, उनके लिए भारतीय दर्शकों की अनुपस्थिति एक बड़ी आर्थिक क्षति है।

कुछ कंटेंट क्रिएटर्स को उम्मीद है कि यह प्रतिबंध अस्थायी हो सकता है, जबकि अन्य भारत के बाहर नए दर्शकवर्ग की तलाश में जुटे हैं। फिर भी, फिलहाल पाकिस्तानी यूट्यूबर्स भारत से जुड़ी डिजिटल दुनिया से कटने के चलते भविष्य को लेकर चिंतित और परेशान हैं।