पाकिस्‍तान / मौलाना का आपत्तिजनक बयान - औरतों के छोटे कपड़े पहनने की वजह से कोरोना का कहर झेल रही दुनिया

पाकिस्तान में कोरोना वायरस के संक्रमण के अब तक 12,500 आधिकारिक आंकड़े बताए जा रहे हैं और 260 लोगों की मौत हुई है। वहीं, पाकिस्तान के एक जाने-माने मौलाना ने महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। पाकिस्तान के मशहूर कट्टरपंथी मौलाना तारीक जमील (Maulana Tariq Jameel) ने कहा कि महिलाओं के गलत काम की वजह से दुनिया को कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर को झेलना पड़ रहा है। मौलाना ने कहा औरतों के छोटे कपड़े पहनने के चलते मुल्क पर कोरोना वायरस जैसा खतरा आया है. उन्होंने कहा कि ये औरतों के बुरे कामों की सजा है जो पूरी कौम को भुगतनी पड़ रही है.

मौलाना ने यह टिप्प्णी 23 अप्रैल को आयोजित किए गए एक फंडरेजिंग कार्यक्रम के दौरान की थी। जिस वक्त मौलाना तारिक जमील ने महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया, उस वक्त पीएम इमरान खान भी वहीं मौजूद थे। हालांकि, इस तरह की बयानबाजी करने पर पीएम इमरान खान ने न ही मौलाना को रोका और न ही उनसे किसी तरह का सवाल किया।

इतना ही नहीं, मौलाना जमील ने झूठ फैलाने के लिए मीडिया की निंदा भी की लेकिन बाद में उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी। हालांकि, उन्होंने महिलाओं पर अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए कोई माफी नहीं मांगी।

मौलाना की इस टिप्पणी पर पाकिस्तान के अखबार डॉन ने इस बारे में अपने एडिटोरियल में लिखा, महिलाओं पर इस तरह के बयान परेशान करने वाले हैं और यह टीवी पर भी ऑन एयर होते हैं लेकिन इन्हें चुनौती देने वाला कोई नहीं है। डॉन ने लिखा, 'यह शर्मनाक है कि मौलाना को ऐसे बयान देने के वक्त ही नहीं रोका गया। सच्चाई यह है कि कोरोनावायरस के बाद पाकिस्तान और कई अन्य देशों में महिलाओं को खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं।'

इतना ही नहीं पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग ने अपनी आपत्ति दर्ज की। मानव अधिकार आयोग ने मौलान के बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'कमीशन इस बात को लेकर अफसोस जताता है कि मौलान ने महिलाओं के सम्मान को कोविड-19 (Covid-19) महामारी से जोड़ दिया। इस तरह से वस्तुकरण को स्वीकार नहीं किया जा सकता और टीवी पर ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम ऑन एयर होने के बाद लोगों के बीच गलत संदेश जाते हैं'।

रमज़ान में पाकिस्तान की बढ़ी चिंता

मस्जिदें खोलने और सामूहिक नमाज़ की मांग मानने के एक हफ़्ते बाद अब पाकिस्तान ने अब चिंता जाहिर करते हुए कहा कि रमज़ान के महीने में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है। पाकिस्तान की सरकार ने पहले रमज़ान के महीने में मस्जिद बंद रखने और सामूहिक नमाज़ पर रोक लगा थी लेकिन इस्लामिक धड़ों की मांगों के सामने सरकार को झुकना पड़ा था। पाकिस्तान के हेल्थकेयर सिस्टम की हालत भी बहुत बुरी है ऐसे में स्थिति अनियंत्रित होने की आशंका है। शनिवार को पाकिस्तान में एक इएनटी सर्जन की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो गई थी। ऐसे में डॉक्टरों की भी चिंता बढ़ गई है कि सरकार ने लोकल ट्रांसमिशन को रोकने के लिए कोर्ई कड़ा क़दम नहीं उठाया है।