हर सिख श्रद्धालु से पाकिस्तान वसूलेगा 20-20 डॉलर, भरेगा अपना खाली खजाना

करतारपुर स्थित दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों से पाकिस्तान सालाना करीब 258 करोड़ रुपए की कमाई करेगा। करतारपुर साहिब में जाने के लिए सिख श्रद्धालुओं से 20 डॉलर के शुल्क हटाने से पाकिस्तान ने इनकार कर दिया है। भारत ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर सहमति जता दी है और 23 अक्टूबर को इस समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। हालाकि भारत ने पाकिस्तान के इस फैसले पर निराशा जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सोमवार को 20 डॉलर के शुल्क लगाने पर निराशा जताई। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी के बावजूद भारत ने इस पर हस्ताक्षर से इनकार नहीं किया है। रवीश कुमार ने कहा कि 20 डॉलर का सेवा शुल्क निराशाजनक है लेकिन इस समझौते पर सहमति बन गई है। पाकिस्तान हर सिख श्रद्धालु से 20 डॉलर का सेवा शुल्क लेने पर अड़ा है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सोमवार को करतारपुर सेवा शुल्क को लेकर पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं 20 रुपये प्रति डॉलर शुल्क लगाना ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आस्था के साथ कारोबार किया है।

वही पाकिस्तान सरकार के अधिकारी का कहना है कि तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क के जरिए पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा जो फिलहाल लगभग खाली हो चुका है। गुरुद्वारा साहिब करतारपुर में हर रोज 5000 तीर्थयात्रियों को ही दर्शन करने की अनुमति मिलेगी और पाकिस्तान हर तीर्थयात्री से 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क वसूलेगा यानी उसकी हर दिन 1,00,000 डॉलर की कमाई होगी।

वर्तमान में 1 डॉलर की कीमत 70.95 भारतीय रुपया है यानी पाकिस्तान हर दिन 70.95 लाख रुपए की कमाई करेगा। वहीं, पाकिस्तानी करेंसी की बात करें तो एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत 156.46 है यानी पाकिस्तान हर दिन 1.56 करोड़ रुपए (पाकिस्तानी रुपए) की कमाई करेगा। तीर्थयात्रियों को साल के 365 दिन करतारपुर जाने की अनुमति होगी, ऐसे में पाकिस्तान 3.65 करोड़ डॉलर अपने मुद्रा भंडार में जुटाएगा। यह धनराशि भारतीय रुपए में 258 करोड़ और पाकिस्तानी करेंसी 571 करोड़ रुपए होगी। करतारपुर कॉरिडोर भारत में पंजाब के डेरा साहिब से पाकिस्तान के पंजाब में करतारपुर साहिब से जुड़ा है। यह अंतर्राष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर है।