झुका पाकिस्तान, खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को करतारपुर कमेटी से हटाया

भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर रविवार (14 जुलाई 2019) को होने वाली अहम बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने आतंकी हाफिद सईद के खास गुर्गे और खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है। गोपाल सिंह चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का भी सदस्य नहीं है। भारत करतापुर कॉरिडोर का जल्द निर्माण चाहता है। 31 अक्टूबर से पहले काम पूरा करने का इरादा है। दूसरे दौर की बातचीत में श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर बात हो सकती है। करतारपुर कॉरिडोर कमेटी में गोपाल सिंह चावला को शामिल करने पर भारत ने सख्त नाराजगी जताई थी। इसी मुद्दे पर भारत ने पिछली बार इस बैठक को रद्द कर दिया था। इसके बाद रविवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर शुरु होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने गोपाल सिंह चावला को इस कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पाकिस्तान के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को नगर कीर्तन में शामिल होने का न्योता दिया है। 25 जुलाई को ननकाना साहिब में कीर्तन है।

कौन है गोपाल सिंह चावला?

गोपाल सिंह चावला पाकिस्तान में बैठा भारत का दुश्मन है। पाकिस्तान में उसके ताल्लुकात आतंकी हाफिज सईद और जैश सरगना मसूद अजहर से है। पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई (ISI) के अफसरों का वो खास कारिंदा है। पाकिस्तान में उसकी पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम इमरान खान तक उससे मुलाकात करते हैं। आईएसआई गोपाल सिंह चावला का इस्तेमाल पंजाब में खालिस्तानी और अलगाववादी भावनाओं को भड़काने के लिए करती रहती है। कुछ महीने पहले गोपाल सिंह चावला की तस्वीरें पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा के साथ सामने आई थी। आपको याद दिला दें कि पाकिस्तान दौरे पर कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की तस्वीर गोपाल चावला के साथ देखी गई थी, जिसपर काफी विवाद हुआ था।

अप्रैल में भारत ने रद्द कर दी वार्ता

करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच इस साल अप्रैल में भी वार्ता होने वाली थी। इस वार्ता से पहले जब पाकिस्तान ने करतापुर कॉरिडोर की निगरानी के 10 सदस्यों की कमेटी का ऐलान किया तो भारत बेहद नाराज हुआ। इस कमेटी खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने वाले गोपाल सिंह चावला, मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम थे। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा था कि ये नाम भारत में अलगाववादी और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल थे। भारत ने इस मसले पर पाकिस्तान के डिप्टी हाई कमिश्नर को बुलाकर सफाई भी मांगी थी।

दरअसल भारत को शक है कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के बहाने पंजाब में ऐसे तत्वों की घुसपैठ करा सकता है जो वहां पर अलगाववादी आंदोलन को हवा दे सकते हैं। भारत ने इन नामों पर सख्त विरोध जताते हुए करतारपुर कॉरिडोर पर बात करने से ही इनकार कर दिया था। भारत की नाराजगी के बाद ही पाकिस्तान ने नयी कमेटी का ऐलान किया है। 14 जुलाई को होने वाली इस बैठक में यात्रियों की आसान आवाजाही, यात्रियों की संख्या, बुनियादी सुविधाएं, विवादित पुल का मुद्दा सामने आएगा।

बता दे, गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व की तैयारी तेज़ हो गई है। पाकिस्तान के ननकाना साहिब जहां पर इस महान संत का जन्म हुआ, वहां से 25 जुलाई को एक अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन निकाला जा रहा है, जो अटारी से होते हुए भारत पहुंचेगा और सुल्तानपुर लोधी में इसका समापन होगा। सिखों के प्रथम गुरू श्री गुरुनानक देव जी के 550वां प्रकाश पर्व के उत्सव की तैयारियां देश और दुनिया में जोर-शोर से की जा रही हैं। शिरोमणि गुरूद्धारा प्रबंधन कमेटी ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भी न्योता भेजा है।