PAK की मुसीबतें बढ़ी, खराब रेटिंग के चलते अगले महीने FATF कर सकता है ब्लैक लिस्ट

बैंकाक में एशिया पैसेफिक ज्वाइंट ग्रुप की ओर से किए गए मूल्यांकन में पाकिस्तान (Pakistan) की खराब रेटिंग की वजह से उस पर फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से ब्लैक लिस्टिंग की संभावना और बढ़ गई है। सूत्रों का कहना है कि बैंकॉक में हुए FATF की बैठक में पाकिस्तान एशिया पैसिफिक ज्वाइंट ग्रुप को मामूली रूप से भी आश्वस्त नहीं कर सका। FATF ने पिछले साल जून में ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था।

बता दे, भारत का समर्थन करने वाले अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड के दबाव में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को पिछले साल जून में संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में डाल दिया था। इस संस्था में फिलहाल 35 देश और दो क्षेत्रीय संगठन-यूरोपियन कमीशन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल शामिल हैं। नॉर्थ कोरिया और ईरान एफएटीएफ में पहले से ही ब्लैकलिस्ट हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान को 15 महीनों में 27 सूत्री एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के लिए समय दिया था, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहा और इस कारण अब उसके ब्लैक लिस्ट में ढकेलने की संभावना बढ़ गई है।

दरहसल, FATF के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप पाकिस्तान पर लगातार लगता रहा है और उसकी ओर से आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाने की बात भी सामने आती रही है। इस कारण पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाले जाने आशंका जताई जा रही थी, ऐसा होने पर पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लग सकती है। इसी को देखते हुए FATF ने पाकिस्तान से 125 सवालों का जवाब मांगा था।

खराब रेटिंग मिलने की आशंका से पाकिस्तान डरा हुआ है। अब वह एफएटीएफ के बाकी सदस्यों से कूटनीतिक बैठकें कर खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। बता दे, इस सूची में ऐसे देशों को रखा जाता है जो काले धन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में दुनिया को सहयोग नहीं देते हैं।

दुनिया को मनाने में जुटेंगे PM इमरान

इन हालात में माना जा रहा है कि इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 74वीं बैठक के इतर प्रधानमंत्री इमरान खान कम से कम दुनिया के 20 नेताओं से मुलाकात करेंगे। इमरान खान न्यूयॉर्क में 17 सितंबर से 20 सितंबर के बीच जापान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा उनके इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, इटली, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, नॉर्वे, अमेरिका, मैक्सिको और अर्जेंटीना के नेताओं से भी मिलने की संभावना है। साथ ही पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी महासभा के इतर कई अन्य देशों (कुवैत, दक्षिण कोरिया, चीन, ओमान रूस, यूएई, ब्राजील समेत कई देश) से इस संबंध में बातचीत कर सकते हैं।

APG ने किया ब्लैक लिस्ट

मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए तय किए गए अधिकतर पैमानों पर पाकिस्तान नाकाम रहा जिसके बाद पिछले महीने अगस्त में ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में हुई बैठक में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के क्षेत्रीय सब-ग्रुप एशिया-पैसेफिक ग्रुप (APG) ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया था।

पाकिस्तान की ओर से 50 पैमानों को लेकर सुधार करने संबंधी दिए गए तर्कों पर उसे APG में कहीं से किसी तरह का कोई समर्थन नहीं मिला और तय मानकों से मेल नहीं बिठा पाने के लिए पाकिस्तान को “Enhanced Expedited Follow Up List” (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया गया।

FATF ने पूछे 125 सवाल

इसी तरह आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण पाकिस्तान के सामने अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में ना आ जाने का डर सता रहा है। पाकिस्तान ने FATF के 125 सवालों का विस्तार में जवाब दिया है। पिछले दिनों आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम के बारे में FATF के सामने पाकिस्तान की ओर से एक प्रेजेंटेशन दी गई है। इस प्रेजेंटेशन में पाकिस्तान ने अप्रैल 2019 से अगस्त 2019 तक की जानकारी दी।

अपनी प्रेजेंटेशन के दौरान पाकिस्तान ने FATF को जानकारी दी कि किस तरह वह संगठनों पर बैन लगा रहा है और उनकी संपत्तियों को जब्त कर रहा है। साथ पाक ने कुछ संगठनों के बैंक खाते जब्त करने, कुछ संगठनों और आतंकियों पर केस करने की जानकारी भी दी।

इस रिपोर्ट को पाकिस्तान के इकॉनोमिक अफेयर्स के मंत्री हम्माद अजहर ने दाखिल किया था। उनके साथ 15 सदस्यों की एक टीम बैंकॉक गई थी, जहां पर पाकिस्तान की तरफ से FATF में पूरी प्रेजेंटेशन दी गई। पाकिस्तान की इस रिपोर्ट पर FATF की एशिया यूनिट चार दिनों तक चर्चा करेगी और फिर इनका रिव्यू करेगी।