पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नाराजगी झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan) में गहमागहमी बढ़ गई है और इसका असर भी दिखने लग गया है। पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत में बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय को वहां की पंजाब पुलिस अपने नियंत्रण में ले लिया है और वहां की सुरक्षा बढा दी गई है। यह वही इलाका है जहां पाकिस्तानी सेना के कोर-31 का मुख्यालय है। इस इलाके में मसूद अजहर का दबदबा है। गुरुवार को हाफिज सईद के संगठनों को बैन करने के बाद शुक्रवार को पाकिस्तानी सरकार ने मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर नियंत्रण कर लिया। इसी बीच, पाकिस्तान सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा ने नियंत्रण रेखा के पास पोस्ट का दौरा किया। इमरान खान सरकार के घरेलू मामलों के मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पंजाब सरकार ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नियंत्रण में लिया गया है। पाकिस्तानी सरकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी दी है।
पाकिस्तानी सरकार के प्रवक्ता ने ट्वीट कर बताया, 'पंजाब सरकरा ने बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्ला में एक परिसर को अपने नियंत्रण में ले लिया है। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के निर्णय के अनुसार की गई। जैश मुख्यालय पर पंजाब सरकार ने अपना प्रशासक नियुक्त कर दिया है। खबरों की मानें तो पंजाब प्रांत की सरकार ने दो मदरसों को भी अपने कब्जे में ले लिया है। आपको बता दें कि जैश के सरगना और आर्मी के हेडक्वार्टर के बीच बमुश्किल से 9-10 की दूरी है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर लगातार अंतरराष्ट्रीय दवाब बढ़ रहा है, जिसका असर अब दिख भी रहा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय को वहां की पंजाब पुलिस अपने नियंत्रण में ले लिया है और वहां की सुरक्षा बढा दी गई है। यह वही इलाका है जहां पाकिस्तानी सेना के कोर-31 का मुख्यालय है। इस इलाके में मसूद अजहर का दबदबा है।वहीं पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, जनरल बाजवा ने नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी पोस्ट का दौरा किया। उन्होंने सैनिकों से किसी भी घटना का सामना करने को तैयार रहने को कहा। पाकिस्तान सरकार ने ये कदम पुलवामा हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान के एक दिन बाद उठाया है। गुरुवार को UNSC ने पुलवामा हमले पर बयान जारी किया था, जिसमें खास तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का नाम लिया गया था। पाकिस्तान और चीन ने कोशिश की थी कि सुरक्षा परिषद बयान जारी न करे, लेकिन दोनों देश अपने इरादों में सफल नहीं हो पाए।