इस आतंकी संगठन ने ली जम्मू-कश्मीर में हुए हमले की जिम्मेदारी, लश्कर फ्रंट का है अंग, 7 मरे, 5 घायल

श्रीनगर। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें रविवार को एक डॉक्टर और छह प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी। यह जम्मू कश्मीर के गांदरबल में 2019 के बाद से सबसे बड़ा आतंकी हमला है।

टीआएफ, लश्कर ए तैयबा का मुखौटा है। जम्मू कश्मीर में इसके आतंकी सक्रिय हैं। हमले के बाद सभी आतंकी फरार हो चुके हैं। इस हमले का मास्टरमाइंड शेख सज्जाद गुल को बताया जा रहा है, जो पाकिस्तान में छिपा हुआ है। एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने इस पर 2019 में ही 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके साथ तीन अन्य आतंकी हैं, जिनकी मदद से शेख सज्जाद पूरा नेटवर्क संचालित कर रहा है।

2022 में, एनआईए ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के लिए गुल और तीन अन्य - सैफुल्ला साजिद और सलीम रहमानी, जो पाकिस्तान के निवासी हैं, और जम्मू और कश्मीर के कुलगाम निवासी बासित अहमद की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर 10-10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।

सूत्रों के अनुसार चुनाव के बाद आतंकवादी संगठन सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं, इसलिए वे टारगेट किलिंग करने की कोशिश कर रहे हैं। यह 2019 के बाद सबसे बड़ी टारगेट किलिंग है। शेख सज्जाद के साथी पाकिस्तानी आतंकियों और स्थानीय लड़कों की मदद से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। इन आतंकियों को पाकिस्तानी सेना और आईएसआई का भी समर्थन हासिल है। इनका उद्देश्य जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाना है।

सूत्रों ने बताया कि टीआरएफ कश्मीर में सक्रिय है और पिछले डेढ़ साल में उसने कश्मीरी पंडितों, सिखों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाया है, जिससे संगठन की रणनीति में बड़ा बदलाव आया है। इससे पहले इस संगठन ने कई कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी।

सूत्रों ने बताया कि आतंकी समूह ने पिछले एक महीने से गंदेरबल जिले के सोनमर्ग इलाके में एक निर्माण स्थल पर हमला स्थल की टोह ली थी। उन्होंने बताया कि दो से तीन आतंकवादियों ने लक्षित हत्याओं को अंजाम दिया है। शीर्ष सूत्रों ने बताया कि टीआरएफ सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद लक्षित हत्याओं के जरिए ध्यान आकर्षित करना चाहता था। यह 2019 के बाद से सबसे बड़ी लक्षित हत्या है।

भारत सरकार का गृह मंत्रालय भी शेख सज्जाद को आतंकी घोषित कर चुका है। जनवरी 2023 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने शेख सज्जाद को आतंकी घोषित किया था। शेख सज्जाद श्रीनगर के बेमिना में एचएमटी कॉलोनी में अंसारी लेन में रहता था। उसके साथी नवाब शाह (पाकिस्तान के सिंध), सैफुल्लाह साजिद (कसूर, पाकिस्तान) और बसीत अहमद (रेडवानी पयीन, कुलगाम) के रहने वाले हैं। गांदरबल हमले को लेकर एनआईए ने जांच शुरू कर दी है।