पाकिस्तान : आतंकवाद से निपटने के नाम पर मार दिए गए 50 हजार निर्दोष नागरिक

पाकिस्तान ने आतंकवाद से निपटने के नाम पर 2002 से अबतक करीब 50 हजार निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है और 50 लाख से ज्यादा लोग बेघर होकर भटकने को मजबूर हो गए है। स्वतंत्र शोध संगठनों, स्थानीय अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के आंकड़े इस बात का दावा करते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जनवरी, 2014 की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने अफगान सीमा के करीब उत्तरी वजीरिस्तान के कबीलाई क्षेत्र के हमजोनी इलाके में रात को हुए हवाई हमले में पाकिस्तानी तालिबान के सबसे बड़े कमांडर अदनान रशीद और उसके घर के पांच लोगों को गोली मार दी थी।

सुबूत जुटाने वालों पर भी पाक सेना कर रही है अत्याचार

सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि इन मामलों में सुबूत जुटाने वालों पर भी पाक सेना अत्याचार कर रही है। पश्तून तहाफुज मूवमेंट (पीटीएम) के 13 कार्यकर्ताओं की 26 मई को हुई मौत इसका उदाहरण है। वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए मारे गए।

रिपोर्ट को बताया झूठा

हालांकि पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने इस रिपोर्ट को झूठा ठहराते हुए इसका खंडन किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि यह झूठ का पुलिंदा है और इसमें पत्रकारीय आदर्शों का उल्लंघन हुआ है। इसे समाचार एजेंसी के साथ औपचारिक तौर पर उठाया जाएगा।

मुशर्रफ पर हमला करने के लिए गया जेल

रशीद पहले पाकिस्तानी एयरफोर्स में टेक्नीशियन था। वह मलाला यूसुफजई को पत्र लिखकर चर्चा में आ गया था। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर हमला करने की कोशिश में रशीद जेल जा चुका था। उसने मलाला को लिखे पत्र में उसे गोली मारे जाने को जस्टिफाई करने की कोशिश की थी।

मलाला को सिर में मारी गोली

मलाला को 2012 में एक तालिबानी हमलावर ने सिर में गोली मार दी थी। रशीद और उसके परिवार को वाकई मारने से पहले, उसे मारने के एक प्रयास में सेना ने उसके पड़ोसियों पर गलती से बम गिरा दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।