
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने एक बार फिर दो-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा है कि हम हिंदुओं से हर मायने में अलग हैं। इस विचारधारा को उन्होंने पाकिस्तान के निर्माण की नींव बताया और पाकिस्तानियों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को यह बताएं कि इस मुल्क की कहानी क्या है।
बुधवार को ओवरसीज पाकिस्तानियों के सम्मेलन में बोलते हुए जनरल मुनीर ने कहा, हमारे बुजुर्गों का मानना था कि हमारी जिंदगी का हर पहलू हिंदुओं से भिन्न है — हमारा धर्म, रीति-रिवाज, परंपराएं, सोच और उद्देश्य सब अलग हैं। यही दो-राष्ट्र सिद्धांत की बुनियाद थी, और इसी के आधार पर पाकिस्तान वजूद में आया।
इस अवसर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ भी मौजूद थे। मुनीर ने आगे कहा, आपको यह कहानी अपनी अगली पीढ़ी को जरूर बतानी चाहिए ताकि वे कभी यह न भूलें कि पाकिस्तान कैसे बना था। हमारे पूर्वजों ने जो कुर्बानियां दीं, उन्हें याद रखना हमारा कर्तव्य है।
मुनीर के इस बयान के पीछे वही ऐतिहासिक तर्क है जिसे पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने 1940 के दशक में पेश किया था — कि हिंदू और मुसलमान दो अलग-अलग कौमें हैं, और उन्हें अलग मुल्क की जरूरत है। इसी सोच ने 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन और पाकिस्तान के जन्म का रास्ता बनाया।
हालांकि पाकिस्तान के गठन के समय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा किया गया था, लेकिन समय के साथ देश में अल्पसंख्यकों की संख्या में लगातार गिरावट देखी गई है।
सेना प्रमुख मुनीर, जिन्हें 'हाफ़िज़-ए-क़ुरआन' भी कहा जाता है, ने अपने संबोधन में पाकिस्तान की इस्लामिक बुनियादों का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश की नींव कलिमा पर रखी गई थी।
मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने फिर से कश्मीर मुद्दा उठाया था, जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान से कहा कि वह अपने अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली करे।
अपने भाषण में मुनीर ने बलूच विद्रोहियों को चेतावनी भी दी और कहा कि, दस पीढ़ियों तक अगर आतंकी भी आ जाएं, तो वे न बलूचिस्तान को, न पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा सकते हैं।