
कश्मीर की हसीन वादियों में एक बार फिर गोलियों की गूंज सुनाई दी—लेकिन इस बार यह हमला सिर्फ इंसानों पर नहीं, बल्कि कश्मीर की आत्मा, उसकी पहचान और उसकी अर्थव्यवस्था पर हुआ है। पहलगाम में छुट्टियां मना रहे निर्दोष सैलानियों पर हुए आतंकी हमले ने न केवल उनकी जान ली, बल्कि घाटी की कमर कहे जाने वाले पर्यटन उद्योग को भी लहूलुहान कर दिया।
ये हमला किसी एक जगह की घटना नहीं, बल्कि पूरे कश्मीर की अर्थव्यवस्था को हिला देने वाला झटका है। हर गोली ने सैलानियों के भरोसे को तोड़ा और 2.5 लाख से ज्यादा उन कश्मीरियों की उम्मीदें भी छीन लीं, जिनकी रोज़ी-रोटी पर्यटन से जुड़ी है।
रद्द होने लगीं छुट्टियाँ, बुकिंग्स पर असरहमले के अगले ही दिन से लोगों ने अपनी फ्लाइट और होटल बुकिंग्स कैंसिल करनी शुरू कर दी हैं। डल झील की हाउस बोटें खाली होने लगी हैं, टैक्सी ड्राइवरों के फोन अब शांत हैं और होटल स्टाफ़ बेरोज़गारी की ओर बढ़ रहा है।
12,000 करोड़ की इंडस्ट्री पर संकट के बादलकश्मीर का पर्यटन उद्योग हर साल करीब 12,000 करोड़ रुपये का कारोबार करता है। आने वाले वर्षों में इसके 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन इस आतंकी हमले ने इस उद्योग की नींव हिला दी है। गर्मियों का यह पीक सीजन, जो हज़ारों परिवारों की उम्मीद होता है, अब घाटी में सन्नाटा ले आया है।
डल झील की हाउसबोट से लेकर पहलगाम के होटल तक सब प्रभावितडल झील में चलने वाली 1,500 से ज़्यादा हाउसबोटें और घाटी के 3,000 से अधिक होटल रूम्स अब खाली होने लगे हैं। हज़ारों लोग जो इनसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे, आज रोज़गार के गहरे संकट में हैं। पहलगाम, जिसे भारत का 'स्विट्जरलैंड' कहा जाता है, अब सैलानियों से सूना होता जा रहा है।
रिकॉर्ड पर्यटकों के बावजूद घाटी पर ग्रहण2024 में कश्मीर ने 2.36 करोड़ पर्यटकों का स्वागत किया था, जिनमें 65,000 से ज्यादा विदेशी पर्यटक भी थे। गुलमर्ग ने अकेले 103 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया था। लेकिन अब, एक हमले ने वर्षों की मेहनत और विश्वास को चकनाचूर कर दिया है।
सरकारी योजनाएं और निवेश अधर में लटकेकेंद्र सरकार ने कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर बजट के साथ कई योजनाएं शुरू की थीं—75 नए टूरिस्ट स्पॉट, ऑन-अराइवल वीजा, एयर कनेक्टिविटी, यहां तक कि वंदे भारत जैसी रेल सेवाओं की शुरुआत की तैयारी भी की जा रही थी। लेकिन अब इन योजनाओं के फलीभूत होने पर सवालिया निशान लग गया है।
बॉलीवुड, वेडिंग्स और ओटीटी शूट्स भी प्रभावितकश्मीर हमेशा से बॉलीवुड और ओटीटी के लिए एक हॉटस्पॉट रहा है। कई फ़िल्में और वेब सीरीज़ यहां शूट होने वाली थीं। साथ ही, देशभर में बढ़ते डेस्टिनेशन वेडिंग ट्रेंड में भी कश्मीर टॉप चॉइस बनता जा रहा था। अब यह पूरा इकोसिस्टम ठहर गया है।
तेजी से बढ़ते वाहन रजिस्ट्रेशन भी रुके2024 तक कश्मीर में वाहन रजिस्ट्रेशन 27.29 लाख तक पहुंच गया था, जो 2017 की तुलना में लगभग दोगुना था। यह ग्रोथ अब बुरी तरह प्रभावित होने वाली है क्योंकि यहां की सड़कों पर दौड़ने वाले पर्यटक वाहन अब कम होते जा रहे हैं।