जेल जा सकते हैं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, अग्रिम जमानत याचिका खारिज

आईएनएक्स मीडिया (INX Media) केस में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) की अग्रिम जमानत नहीं मिलने के खिलाफ दायर अर्जी को ख़ारिज कर दिया है। ऐसे में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) कभी भी उन्हें गिरफ्तार कर सकता है। कहा जा रहा है कि आज दोपहर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। ईडी ने दावा किया है कि उनके पास चिदंबरम के खिलाफ ठोस सबूत हैं। कोर्ट ईडी के दावे से सहमत हैं कि मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ जरूरी है। जमानत देने से जांच पर असर पड़ सकता है। दूसरी ओर, चिदंबरम की सीबीआई रिमांड भी आज खत्म हो रही है। इस पर विशेष सीबीआई अदालत सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी ने जो भी दस्तावेज हासिल किए हैं उसे चिदंबरम को दिखाने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने ये भी कहा कि आर्टिकल 32 के तहत अग्रिम जमानत किसी का मौलिक अधिकार नहीं हो सकता। न्यायालय ने कहा कि ये ऐसा मामला नहीं है जिसमें अग्रिम जमानत दी जाए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बी कहा कि जांच एजेंसी को मामले की छानबीन करने के लिए पर्याप्त स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।

जांच एजेंसी के पास सारे दस्तावेज

सीबीआई और ईडी ने कोर्ट से कहा है कि उनके पास इस आरोप साबित करने के लिए पूरे दस्तावेज हैं। ईडी के मुताबिक पी चिदंबरम के बेटे कार्ति और उनके सहयोगियों के 17 बैंक एकाउंट्स का पता चला है। इसके अलावा आरोपियों ने सबूत मिटाने की भी कोशिश की है। शेल कंपनियों में डमी डायरेक्टर बनाए गए जिसका ताल्लुक आरोपियों से हैं।

क्या है INX मीडिया केस का पूरा मामला?

ये पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी। इस मामले में कांग्रेस नेता पी। चिदंबरम विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की 305 करोड़ रुपये की मंजूरी के संबंध में कथित भूमिका के लिए जांच एजेंसियों के दायरे में हैं। सीबीआई ने 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से मिली मंजूरी में कथित अनियमितता की शिकायत पाई। इस मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति का भी नाम सामने आया है। आरोप है कि कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिये 10 लाख डॉलर की रिश्वत ली। कार्ति पर ये भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कहा गया था कि अभी उन्हें पी चिदंबरम की और कस्टडी नहीं चाहिए, ऐसे में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए। अगर पी चिदंबरम को न्यायिक कस्टडी में भेजा जाएगा तो उन्हें तिहाड़ जेल जाना होगा। हालांकि, कपिल सिब्बल की तरफ से इसका विरोध किया गया था, जिसके बाद अदालत ने 5 सितंबर तक कस्टडी बढ़ाने का आदेश दे दिया था।