कोरोना के सामने जीती मां की ममता, 70 पर था ऑक्सीजन लेवल, तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रहा नवजात, दोनों अभी स्वस्थ

कोरोना के इस कहर के बीच जहां कई लोगों ने अपनों की असामयिक मौत देखी तो कईयों की कोरोना पर असाधारण जीत भी देखने को मिली। आज इस कड़ी में हम आपको राजस्थान के जोधपुर के ऐसे ही मामले के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मां की ममता के आगे कोरोना को भी हार माननी पड़ी। एयरफोर्स के एक कॉर्पोरल की पत्नी नमिता ने अति गंभीर हालात में अपने बच्चे को जन्म दिया। नमिता को प्रसव के बाद भी वेंटिलेटर पर रखना पड़ा, लेकिन सेना की क्रिटिकल केयर टीम के प्रयासों से 3 दिन बाद हालत सुधरने लगी और 2 दिन बाद वेंटिलेटर से हटा दिया।

दरअसल, एयरफोर्स के कॉर्पोरल के उपाध्याय की पत्नी नमिता (26) गर्भावस्था के 8वें माह में काेराेना संक्रमण की चपेट में आ गईं। तबीयत कुछ खराब होने पर सेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां 24 घंटे में हालात और बिगड़ गए। नमिता को सांस लेने में परेशानी होने लगी तो डॉक्टरों ने तुरंत आईसीयू में शिफ्ट किया। आईसीयू में भी हर मिनट हालत बिगड़ती जा रही थी। ऑक्सीजन लेवल 70 तक गिर गया। डॉक्टर्स ने हाईफ्लो मास्क हटाकर एनआईवी पर लिया। ऑक्सीजन की कमी से बच्चे को भी खतरा था। इसे देखते हुए गायनी विभाग के डॉक्टर्स ने बच्चे को बचाने के लिए ऑपरेशन का निर्णय लिया। कॉर्पोरल उपाध्याय की स्वीकृति के बाद ऑपरेशन शुरू किया गया, बीच में ही सांस में तकलीफ बढ़ने लगी तो नमिता को वेंटिलेटर पर लेना पड़ा।

इधर, आठ माह की प्रीमैच्योर डिलीवर के चलते नवजात को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी। उसे भी तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। नवजात को मां से अलग नियोनेटल केयर यूनिट में रखा गया। वेंटिलेटर से हटने के बाद नमिता रोज वीडियो कॉल के जरिए अपने बेटे को देखती, इसने उसे जीने और बीमारी से लड़ने के लिए प्रेरित किया। डिलीवर के बाद आज 20 दिन बाद मां-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। अगले दो-तीन दिनों में दोनों को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।