नए साल में देश को मिली पहली कोरोना वैक्सीन, कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी

कोरोना वैक्सीन को लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की अहम बैठक में ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को इमरजेंसी अप्रूवल देने पर विचार किया गया। जिसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई। हालांकि सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोविशील्ड को पैनल से मंजूरी के लिए सिफारिश मिल गई है लेकिन अभी इस पर अंतिम फैसला DCGI द्वारा लिया जाना है। इस फैसले के साथ ही भारत में वैक्‍सीन की शुरुआत हो जाएगी।

सीरम इंस्टीट्यूट कोवीशील्ड नाम की वैक्सीन बना रहा है। इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने मिलकर डेवलप किया है। सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन बनाने वाली भारत बायोटेक ने बुधवार को पैनल के सामने प्रजेंटेशन दिया था। वहीं, अमेरिकी कंपनी फाइजर ने अपना डेटा पेश करने के लिए और वक्त मांगा है।

सस्ती होने की वजह से ऑक्सफोर्ड की कोवीशील्ड वैक्सीन सरकार की सबसे बड़ी उम्मीद है। कंपनी का कहना है कि वह पहले अपने घरेलू बाजार पर फोकस करेगी। इसके बाद इसे दक्षिण एशियाई देशों और अफ्रीका को एक्सपोर्ट किया जाएगा। वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी SII के CEO अदार पूनावाला ने सोमवार को बताया था कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लगभग पांच करोड़ डोज पहले ही तैयार हो चुके हैं। अगले साल मार्च तक 10 करोड़ और जून तक 30 करोड़ तक डोज बनाने की योजना है।

सरकार इसी महीने से वैक्सीनेशन शुरू करने के लिहाज से तैयारी कर रही है। इसके लिए कल यानी 2 जनवरी को पूरे देश में वैक्सीन का ड्राई रन किया जाना है। उत्तर प्रदेश में कल होने वाले ड्राई रन के बारे में बात करते हुए राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा, हम कल लखनऊ में सहारा अस्पताल, आरएमएल अस्पताल, केजीएमयू और एसजीपीजीआई सहित 6 केंद्रों पर कोविड वैक्सीन का ड्राई रन करेंगे।

इससे पहले गुरुवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल डॉ वीजी सोमानी ने कहा था कि नया साल हमारे लिए हैप्पी होगा, क्योंकि तब हमारे हाथ में कुछ होगा। इससे माना जा रहा है कि जल्द ही किसी वैक्सीन को अप्रूवल मिल सकता है। भारत अमेरिका के बाद कोरोना से प्रभावित दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। सरकार ने अगले छह से आठ महीनों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई है।

उल्‍लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 फाइजर वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसके बाद दुनिया के गरीब देशों को भी वैक्‍सीन मिल सकेगा। यूरोप और अमेरिका में यह टीका पहले से ही उपलब्ध है। दुनिया के देशों में दवा नियामक एजेंसी किसी भी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने का काम करती है, लेकिन कमजोर सिस्टम वाले देश इसके लिए आमतौर पर WHO पर निर्भर करते हैं।