कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक डाटा लीक का मामला अभी धीरे-धीरे ठंडा हो रहा है और इसी बीच गूगल पर भी एंड्रॉयड यूजर्स के डाटा चोरी करने का आरोप लगा है। गूगल पर आरोप है कि उसने ऑस्ट्रेलिया के 10 मिलियन यूजर्स का डाटा चोरी किया है और उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया है।
सॉप्टवेयर कंपनी ओरेकल एक अधिकारी ने दावा किया है गूगल हर महीने 1 जीबी के करीब यूजर्स का डाटा इकट्ठा कर रहा है और उस डाटा को विज्ञापनदाताओं के पास पहुंचा रहा है। इस डाटा की मदद एंड्रॉयड मोबाइल यूजर्स के फोन पर तमाम तरह के विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं। वहीं ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग ने कहा कि वह इस रिपोर्ट की जांच करेगा।
ओरेकल ने गूगल पर आरोप लगाया है कि फोन में सिम कार्ड नहीं होने और लोकेशन ऑफ होने के बाद भी वह यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करता है। इसके अलावा ओरेकल ने यह भी कहा है कि गूगल एंड्रॉयड फोन के आईपी एड्रेस, मोबाइल टावर और वाई-फाई कनेक्शन के जरिए भी यूजर्स की गतिविधियों पर नजर रखता है। कंपनी ने अपने एक प्रजेंटेशन में बताया कि गूगल एंड्रॉयड डिवाइस के बैरोमीटर की मदद से हवा के दवाब के जरिए यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करता है।
वहीं इस आरोप पर गूगल ने जवाब देते हुए कहा है कि इसके लिए यूजर्स की इजाजत ली जाती है। गूगल ने बताया कि इसके लिए उसकी अपनी प्राइवेसी पॉलिसी है। गूगल के मुताबिक वह अपने एंड्रॉयड यूजर्स की जिन जानकारियों को इकट्ठा करता है उनमें व्यक्तिगत जानकारी, डिवाइस की जानकारी, लॉग जानकारी और स्थान की जानकारी शामिल होती है।