कर्नाटक में लागू हुई OPS, राजस्थान में भजनलाल सरकार ने किया बंद

बेंगलुरु। लोकसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले कांग्रेस शासित कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया है। राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत कवर करने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई है। इसके मुताबिक, 2006 के बाद भर्ती हुए लगभग 13,000 राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ मिलेगा। सीएम सिद्धारमैया ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जब सरकारी कर्मचारी नई पेंशन योजना के खिलाफ हड़ताल पर थे तो उन्होंने उनसे इस मांग को पूरा करने का वादा किया था।

चुनाव में किया वादा पूरा किया

बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम सिद्धारमैया ने लिखा कि 2006 के बाद भर्ती हुए राज्य सरकार के लगभग 13,000 सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने का आदेश जारी किया गया है। चुनाव से पहले भी जब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल पर थे, तो मैंने वहां का दौरा किया था और इसे पूरा करने का वादा किया था।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस फैसले से 13,000 एनपीएस कर्मचारियों के सभी परिवारों को राहत मिली होगी। बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने ओपीएस का वादा किया था। लेकिन पार्टी को तीन राज्यों में हार का मुंह देखना पड़ा था वो सिर्फ तेलंगाना में ही जीत दर्ज कर पाई।

बुधवार को ही राजस्थान में पलटा ओपीएस वाला फैसला

बता दें कि एक तरफ जहां कांग्रेस शासित सिद्धारमैया सरकार ने अपने राज्य में ओपीएस को लागू किया है तो वहीं, राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी शासित भजनलाल शर्मा सरकार ने अपनी पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के ओपीएस फैसले को पलट दिया।

भजनलाल सरकार ने पहली नियुक्ति में ही कर्मचारियों पर एनपीएस लागू कर दिया है। आदेश में ओपीएस का कहीं जिक्र नहीं है। मतलब साफ है कि राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी। भजनलाल शर्मा सरकार ने नवनियुक्त कार्मिकों के लिए ओपीएस के बजाय दोबारा एनपीएस लागू करने का आदेश जारी किया है।

दिसंबर 2003 में बंद कर दी गई थी पुरानी पेंशन योजना

पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का हकदार होता है। मासिक पेंशन आम तौर पर व्यक्ति के अंतिम आहरित वेतन का आधा होता है। नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा पेंशन फंड में योगदान करते हैं। इसके आधार पर, वे रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि के हकदार हैं। पुरानी पेंशन योजना दिसंबर 2003 में बंद कर दी गई और नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2004 को लागू हुई।