PM मोदी के संदेश पर भड़का विपक्ष, कहा - कभी थाली पिटवाते, कभी मोमबत्ती जलवाते...

कोरोना महामारी के बीच शुक्रवार को देशवासियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मिनट का एक वीडियो मैसेज साझा किया। पीएम मोदी ने अपने वीडियो में कहा कि कोरोना के खिलाफ अब तक 9 दिन के लॉकडाउन में लोगों ने अनुशासन का परिचय दिया। प्रशासन ने भी स्थिति को संभाला है। आपने जिस तरह 22 मार्च को जैसे कोरोना फाइटर्स को धन्यवाद दिया। उसे पूरी दुनिया अपना रही है। हमने दुनिया को भारत की सामूहिक शक्ति का अहसास कराया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश के करोड़ों लोग घरों में हैं तो किसी को भी लग सकता है कि कितने दिन और काटने पड़ेंगे। साथियों ये समय अकेले रहने का जरूर है, लेकिन हममें से कोई अकेला नहीं है। देश की भव्यता की अनुभूति करनी जरूरी है। जनता महाशक्ति है, ये लड़ाई आपके बगैर संभव नहीं है। कोरोना के अंधकार के बीच हमें प्रकाश की ओर जाना है। गरीब भाई-बहनों को कोरोना से पैदा हुई निराशा से आशा की ओर लेकर जाना है। अंधकार मय कोरोना को हराने के लिए प्रकाश फैलाना है। रविवार 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों के संकल्प को नई ऊंचाई पर लेकर जाना है। इस रात 9 बजे 9 मिनट तक आप घर की लाइटें बंद करके दरवाजे पर मोमबत्ती, दिया या मोबाइल लाइट जलाएं।

पीएम मोदी के वीडियो मैसेज के बाद विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर हो गया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा, '9 बजे सुबह प्रधान मंत्री मोदी जीके भाषण से देश वासीयों के हात घोर निराशा ही लगी,सोचा था चूल्हा जलाने की बात हो गी साहब दिया जलाने का उपदेश दे गए।'

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, मोदी जी, सरकार के कदमों के बारे में कुछ नहीं सीखा-

1) वायरस को रोकिए
2) हमारे चिकित्सा कर्मियों की रक्षा करनी है
3) टेस्टिंग किट प्रदान करने हैं
4) गरीबों तक भोजन और आपूर्ति पहुंचानी है
5) दिहाड़ी श्रमिक, बेरोजगार

कारण के लिए दीए कि रोशनी
अंधविश्वास की नहीं!

वहीं कांग्रेस नेता उदितरात ने कहा, 'कभी थाली पिटवाते , कभी मोमबत्ती जलवाते हैं। कोई बताए कि कोरोना को लेकर क्या तैयारी है, पीपीई, मास्क , सेनेटायजर कि आपूर्ति का क्या प्लान है। कितने वेंटीलेटर हैं, कितने कि जरुरत है वो कहाँ से आयेंगे। अस्पतालों के क्या इन्तेजाम हैं, गरीब-मजदूर कैसे जिए इन सवालों का जवाब कौन देगा ?'

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधान शोमैन की बात सुनी। लोगों के दर्द, उनके बोझ, उनकी वित्तीय चिंताओं को कम करने के बारे में कुछ भी नहीं। भविष्य का कोई भी दृष्टिकोण या उन मुद्दों को साझा नहीं किया जो हालात लॉकडाउन के बाद पैदा हुए हैं। भारत के फोटो-ओप प्राइमिनिस्टर द्वारा महसूस किया गया एक अच्छा पल!'

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'लाइट बंद करें और बालकनियों पर आएं? वास्तविकता को पहचानें मोदी जी! भारत को 8-10% GDP का राजकोषीय पैकेज दें। लॉकडाउन के दौरान निर्माण और अन्य श्रम के लिए तत्काल मजदूरी सुनिश्चित करें। फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के नाम पर असली प्रेस पर लगाम लगाना बंद करें।'

बता दे, देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। गुजरात के गोधरा में गुरुवार तड़के 78 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ा दिया। इसके साथ राज्य में मरने वालों की तादाद आठ हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दो दिन पहले उसके कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इससे पहले बुधवार को वडोदरा में 52 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री मिली थी। वह 19 मार्च को श्रीलंका से भारत लौटा था। कोरोना संक्रमण के नए मामले आंकड़े आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 2301 हो गई है। इनमें से 2088 एक्टिव केस हैं जबकि 156 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है वहीं 56 लोगों की मौत हो चुकी है और एक माइग्रेंट भी इसमें शामिल है।