'लड़की बहिनी' योजना के कारण विपक्ष बैकफुट पर: एकनाथ शिंदे

मुम्बई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई तक बैठक के दौरान राज्य सरकार के चल रहे प्रयासों, खासकर 'लड़की बहिनी' योजना पर प्रकाश डाला, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर 10 महीने से काम कर रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, हमारी बहनों के लिए 1,500 रुपये प्रति माह एक महत्वपूर्ण सहायता है। चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वाले लोग क्या जानेंगे? लड़की बहिनी योजना हमारे विरोधियों को परेशान करती है।

उन्होंने बुनियादी ढांचे में राज्य के नेतृत्व पर जोर दिया और विपक्ष की आलोचना की कि उसके पास ठोस मुद्दे नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, हम एक टीम के रूप में काम करते हैं। हमारे फैसले जनता के हित में हैं। हमने 123 सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है और सिर्फ 1 रुपये में फसल बीमा शुरू किया है। हमने विकास की सभी बाधाओं को दूर किया है। महाराष्ट्र बुनियादी ढांचे में देश में सबसे आगे है। हमने गढ़चिरौली में निवेश भी आकर्षित किया है।

शिंदे ने मराठा आरक्षण पर भी चर्चा की, एक निष्पक्ष समाधान की वकालत की जो ओबीसी कोटा को कम न करे, और समुदाय के भीतर एकता और सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

शिंदे ने कहा, हमारे पास विकास और कल्याण की योजनाएं हैं। विपक्ष संविधान को लेकर डर फैलाता है। कांग्रेस जश्न मना रही है, लेकिन पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। क्या वे मोदी की जीत का जश्न मना रहे हैं? पिछले चुनाव में कांग्रेस 100 सीटें भी नहीं ला पाई थी। आप घर से राज्य नहीं चला सकते। आपको किसानों से जुड़ना होगा। कुछ लोग इस बात से नाखुश हैं कि एक किसान का बेटा मुख्यमंत्री बन गया है। लोग जल्द ही हमारे काम को पहचानेंगे। हम उद्धव ठाकरे को चुनौती के रूप में नहीं देखते हैं। रोओ मत, मर्दाना तरीके से लड़ो।

शिंदे ने यह भी बताया कि 55 में से 40 विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने सवाल किया, बालासाहेब की विचारधारा को किसने त्याग दिया? लोगों ने गठबंधन के लिए वोट दिया, लेकिन कांग्रेस का साथ किसने दिया? तो, असली विश्वासघात किसने किया? विपक्ष मराठा आरक्षण बैठक में क्यों नहीं आया?

मराठा आरक्षण के बारे में शिंदे ने कहा, समुदायों के बीच कोई विभाजन नहीं होना चाहिए। मराठा समुदाय सही आरक्षण का हकदार है, लेकिन ओबीसी का हिस्सा कम नहीं होना चाहिए। मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे को सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए। मराठा आरक्षण को सुरक्षित करने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं।