कोटा का दशहरा मेला इस बार भी नहीं भरेगा, 10 फीट का होगा रावण का पुतला, दिखाया जाएगा लाइव प्रसारण

आने वाले महीनों में 15 अक्टूबर को दशहरा हैं। दशहरे के लिए कोटा के ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय मेले को जाना जाता हैं। लेकिन कोरोना को देखते हुए यह दशहरा मेला इस बार भी नहीं भरेगा। परंपरा नहीं टूटे इसके लिए गणेश पूजन से लेकर रावण दहन का कार्यक्रम औपचारिक रूप से हाेगा। दशहरे के दिन 10 फीट के रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। कार्यक्रम लाइव दिखाया जाएगा। 128 साल के इतिहास में यह दूसरा माैका है जब मेले का आयोजन नहीं होगा।

दक्षिण नगर निगम प्रशासन ने इसके लिए राज्य सरकार और कलेक्टर उज्ज्वल राठाैड़ काे पत्र लिखा है। पत्र में गाइड लाइन का हवाला देकर बताया गया कि बिना भीड़ के मेले का आयाेजन संभव नहीं है और इन परिस्थितियाें में भीड़ एकत्रित करना केंद्र और राज्य सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से ठीक नहीं है। मेले की तैयारियां हर वर्ष चार से पांच माह पहले से ही शुरू हाे जाती है। तैयारियां शुरू करने से पहले विधिवत गणेशजी की स्थापना की जाती है उसके बाद मेले की काेई भी गतिविधि शुरू की जाती है। इस बार मेला ताे नहीं भरेगा, लेकिन परंपरा जारी रहेगी। इसके लिए निगम प्रशासन द्वारा इसी जुलाई माह में देव साेने से पहले गणेशजी की स्थापना की जाएगी।

इस बार दशहरा 15 अक्टूबर है और यदि मेला आयाेजित हाेता है ताे 5 अक्टूबर से शुरूआत करनी हाेगी। जबकि, डब्ल्यूएचओ से लेकर राज्य और केंद्र सरकार तक सितंबर-अक्टूबर में काेराेना की तीसरी लहर की आशंका जता चुके हैं। ऐसे में मेले का आयाेजन हाेना संभव हाेता दिखाई नहीं दे रहा है। इन परिस्थितियाें काे देखते हुए नगर निगम ने राज्य सरकार और जिला कलेक्टर काे पत्र लिखकर इन परिस्थितियाें से अवगत करवा दिया है। नगर निगम काेराेना की भयावता काे देखते हुए किसी भी प्रकार की रिस्क लेना नहीं चाहता है।