अजमेर : खाली पड़ा हैं क्वारैंटाइन सेंटर! पुलिस की कारवाई धीमी पड़ी या लोग हुए सजग

सख्त लॉकडाउन के चलते बाजारों में बेवजह घूमने वाले लोगों को प्रशासन क्वारैंटाइन सेंटर पहुंचा रहा हैं और RTPCR रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही छोड़ रहा हैं। अजमेर में भी घूघरा स्थित राजस्व प्रशिक्षण संस्थान (RRTI) के हॉस्टल में क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया हैं जो कि अब खाली रहने लगा हैं। यहां पहले दिन 25 कमरों की व्यवस्था कम पड़ गई, जिसे बढ़ा कर 57 कमरों में की गई। पुलिस की सख्ती का असर दिखा और 11 दिन बाद ही यह व्यवस्थाएं ज्यादा साबित होने लगी है। यहां 114 के रहने की व्यवस्था है और वर्तमान में यहां केवल 4 लोग रह रहे हैं।

इसके पीछे का कारण पुलिस की सख्ती है, जिसके चलते बेवजह घूमने वालों पर अंकुश लगा। गौरतलब है कि पहले दिन 3 मई को 152, 4 मई को 44, 5 मई को 62, 6 मई को 24, 7 मई को 33, 8 मई को 44, 9 मई को 21, 10 मई को 23, 11 मई को 16, 12 मई को 19 व 13 मई को 4 लोगों को यहां पर क्वारैंटाइन किया गया। पुलिस की सख्ती के चलते बेवजह घूमने वालों पर अंकुश लगा, लेकिन यह भी सही है कि अभी भी कुछ लोग बेवजह घूम रहे हैं। लेकिन उनके पास बहाने ही ऐसे होते है कि पुलिस को विश्वास करना पड़ता है। लोगों की ओर से दवा लेने, वैक्सीन लगाने, चिकित्सक को दिखाने, फल सब्जी लेने, दूध लेने आदि के बहाने बनाए जाते है, ऐसे में पुलिस भी कुछ नहीं करती।

जिले में गुरुवार को 493 कोरोना संक्रमित पाए गए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को 3,553 की सैम्पलिंग ली गई थी, इनमें से गुरुवार को 493 संक्रमित पाए गए। वहीँ चिकित्सा विभाग की सूची में 6 मौत होना बताया गया है। संक्रमण दर 12.35 प्रतिशत रही। इधर, संक्रमण में तेजी को देखते हुए सैम्पलिंग बढ़ी है। गुरुवार को 2983 लोगों की सैम्पलिंग की गई। अब तक जिले में 40,071 संक्रमित मिल चुके हैं, वहीं 1181 की मौत हुई है।

कोरोना से मरने वालों की तादाद दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही हैं। बीते दिन गुरुवार को अजमेर जिले में 30 संक्रमितों की मौत हुई जबकि विभाग ने अपनी रिपोर्ट में सिर्फ 6 की ही मौत दिखाई हैं। प्रशासन मौतों का आंकड़ा छुपाने में लगा हुआ हैं। 30 संक्रमितों की मौत में अजमेर शहर में ही 21 का अंतिम संस्कार किया गया। गुरुवार को ब्यावर में 2, नसीराबाद में 3, किशनगढ़ में 2 और केकड़ी में 2 संक्रमितों की मौत हुई है। ऋषिघाटी मुक्तिधाम के पास स्थित माथुर समाज के श्मशान में भी एक शव का अंतिम संस्कार हुआ। यहां महिला कर्मचारी के हाेने से ऋषिघाटी मुक्तिधाम के कर्मचारी रमेश और उनकी टीम ने वहां जाकर दाह संस्कार कराया।