Omicron Variant: WHO ने कहा- कोरोना संक्रमित हो चुके व्यक्तियों के लिए बन सकता है बड़ा खतरा, टीकाकरण रोक सकता है म्यूटेशन

अभी पूरी दुनिया कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की मार से उबरने की कोशिश कर ही रही थी कि नए वैरिएंट 'ओमिक्रॉन' ने दस्तक दे दी है। साउथ अफ्रीका में मिले इस नए वैरिएंट ने एक बार फिर से दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता को बढ़ा दिया हैं। चिंता की बात ये है कि, पहचाने जाने के सिर्फ दो दिन में ही WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) घोषित कर दिया है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट कितना संक्रामक और खतरनाक है। न ही यह पता चल पाया है कि इसके लक्षण अभी तक मिले वैरिएंट से कितने अलग हैं या नहीं हैं। इसलिए, इस वैरिएंट के संभावित खतरे को लेकर एहतियात बरतने की जरूरत तो है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। वैश्विक संस्था के वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया के तमाम देश ओमिक्रॉन पर शोध कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ भी उनके साथ मिलकर काम कर रहा है। इन अध्ययनों को पूरा होने में कुछ सप्ताह का समय लेगा। इसलिए जब तक सभी चीजें स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि यह नया वैरिएंट कितना ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है।

बता दें कि, दुनिया में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट को भी पहले वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) घोषित किया गया था। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का पहला केस 24 नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में मिला था। साउथ अफ्रीका के अलावा यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, बेल्जियम, बोत्सवाना, हांगकांग और इजराइल में भी इस वैरिएंट की पहचान हुई है। इस वैरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिणी अफ्रीका से आने-जाने यात्रियों पर रोक लगा दी है।

प्रारंभिक शोध सिर्फ युवाओं पर किए गए

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि तमाम विश्वविद्यालयों में किए गए प्रारंभिक शोध युवाओं पर किए गए हैं। युवाओं में पहले से ही अधिक गंभीर बीमारी नहीं होती है, इसलिए इस पर विस्तृत रिपोर्ट आने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन यह पता लगाना बाकी है कि इसका कारण ओमिक्रॉन ही है या फिर अन्य।

कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों को ज्यादा खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक मिले नतीजों से यह पता चला है कि जिन लोगों को पहले कोरोना संक्रमण हो चुका है, उन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत हैं क्योंकि नए वैरिएंट में तेजी से म्यूटेशन हो रहे हैं और यह कोरोना संक्रमित हो चुके व्यक्तियों में तेजी से फैल सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डेल्टा व डेल्टा प्लस के अलावा कोरोना के जितने भी वैरिएंट सामने आए हैं, वह कमजोर प्रतिरक्षाा प्रणाली वाले लोगों के लिए खतरा बने हैं, जिन लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई, उसमें भी ज्यादातर ऐसे ही लोग थे जो शारीरिक तौर पर कमजोर थे। इसलिए नए वैरिएंट के संभावित खतरे के बीच एहतियात ही सबसे बड़ा हथियार है।

WHO के महानिदेशक का कहना है कि हम पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने में जितना ज्यादा समय लगाएंगे, वायरस उतनी तेजी से म्यूटेट होगा और तेजी से फैलेगा। इसलिए वैक्सीनेशन में तेजी लाना बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि यह भी जरूरी है कि सभी को दोनों खुराक लगाई जाएं।