ब्रिटेन में तबाही ला सकता है Omicron, हो सकती हैं 75,000 मौतें

पूरी दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिकों को डर है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट एक बार फिर से महामारी को खतरनाक ना बना दे। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल चुका है। WHO लगातार पूरी दुनिया को इस नए वैरिएंट के खतरे से आगाह कर रहा है। WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैलता है और इसमें वैक्सीन की प्रभावशीलता कम करने की क्षमता है। नए वैरिएंट पर अब UK के वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी आई है जिसके रिजल्ट डराने वाले हैं।

स्टडी में चेतावनी दी गई है कि अगर सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय नहीं किए गए तो अगले साल अप्रैल तक कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से UK में 25,000-75,000 मौतें हो सकती हैं। ये स्टडी लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और दक्षिण अफ्रीका के स्टेलनबोश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है।

क्या कहती है स्टडी

दरअसल, UK में ओमिक्रॉन ज्यादा तेजी से फैल रहा है। यहां हर दिन इस वैरिएंट से संक्रमित 600 से भी ज्यादा मरीज मिल रहे है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बीते चौबीस घंटे में ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के 663 नए मामले दर्ज किए गए। आशंका जताई जा रही है कि ये मामले इससे कहीं और ज्यादा हो सकते हैं। स्टडी में कहा गया है, 'साक्ष्यों से पता चलता है कि इंग्लैंड में Omicron B.1.1.1.529 वैरिएंट की वजह से SARS-CoV2 तेजी से फैलेगा। अगर सख्त उपाय नहीं किए गए तो अल्फा की तुलना में इसके मामले अधिक क्षमता के साथ बढ़ेंगे। ऐसा अंदाजा ओमिक्रॉन की तेजी से फैलने की क्षमता और इम्यूनिटी से बचने की वजह से लगाया जा रहा है।'

ओमिक्रॉन वैरिएंट यूरोप में तेजी से फैल गया है, विशेष रूप से UK और डेनमार्क में। हालांकि, अभी इसके कोई संकेत नहीं हैं कि इसकी वजह से अधिक गंभीर बीमारी हो सकती हैं। अब तक के सभी डेटा के मुताबिक डेल्टा की तुलना इस वैरिएंट के लक्षण काफी हल्के रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे इसके मामले बढ़ रहे हैं, अंदाजा लगाया जा रहा है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। भारत में भी ओमिक्रॉन कई बड़े शहरों में फैलता जा रहा है। देश में अब तक इसके 38 मामले सामने आ चुके हैं।

बच्चों में ओमिक्रॉन का खतरा ज्यादा

ब्रिटिश एक्सपर्ट्स के मुताबिक आने वाले समय में हर किसी के लिए ये वैरिएंट एक बड़ी चुनौती बनने वाला है। दक्षिण अफ्रीका और UK के डेटा के मुताबिक ये वैरिएंट बच्चों को ज्यादा शिकार बना रहा है। अब यहां जो बच्चे आ रहे हैं उनमें मध्यम से लेकर गंभीर लक्षण देखे जा रहे हैं। इन्हें ऑक्सीजन, सपोर्टिव थेरेपी और ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहने की जरूरत पड़ रही है। वो पहले की तुलना में ज्यादा बीमार हो रहे हैं। जबकि कोरोना के पिछले जितने भी वैरिएंट्स आए हैं उनके बच्चों पर बहुत हल्के या बिलकुल भी लक्षण नहीं देखे गए थे।