ICMR के वरिष्ठ डॉक्टर ने कही डराने वाली बात, बोले - Omicron स्ट्रेन भारत में आ चुका...

साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से दुनिया परेशान है। 13 देशों ने कम्पलीट ट्रैवल बैन कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत में ओमिक्रोन स्ट्रेन एंट्री ले चुका है की नहीं। इसी प्रश्न का जवाब दिया है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने। डॉ पांडा का कहना है, यह संभव है कि Omicron स्ट्रेन भारत में आ चुका हो और बस इसका पता न लगा हो, यानी अभी पहला केस रजिस्टर न हुआ हो। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से लौटे कुछ लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने पर कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन वेरिएंट का पहला मामला 9 नवंबर को सामने आया था। उसके बाद से बहुत से लोग दक्षिण अफ्रीका से भारत आए हैं।'

एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए आईसीएमआर (ICMR) के डॉ पांडा ने कहा, 'अगर भारत में ओमिक्रोन का कोई मामला सामने आता है तो मुझे हैरानी नहीं होगी। यह वेरिएंट बहुत संक्रामक है और भारत में इसका पाया जाना सिर्फ समय की बात है, जो कभी भी सामने आ सकता है।'

इसके साथ ही डॉ पांडा का कहना है कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वैक्सीन हमें पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रख सकती है, भले ही हमने दोनों वैक्सीन लगवा ली हों। अगर आप कोविड-19 के लिए निर्धारित सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और बार-बार साबुन व पानी से हाथ धोना जैसी जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो आप कभी भी कोरोना वायरस ने नए-नए वेरिएंट से भी संक्रमित हो सकते हैं। इससे बचने के उपाय आप जानते ही हैं, भीड़भाड़ में जाने से बचें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और अन्य जरूरी बातों का भी ध्यान रखें।

डॉ पांडा का कहना है कि वैक्सीन आपको दोबारा संक्रमण से भले न बचा पाए, लेकिन इससे हो सकता है गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत न आए और मृत्यु का खतरा भी कम हो सकता है। इसलिए अगर आपने अभी तक भी वैक्सीन नहीं लगवाई है तो जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लें। कई जानकार ओमिक्रोन की संक्रामकता को लेकर बड़े चिंतित हैं। अगर यह भारत में दूसरी लहर लाने वाले डेल्टा वेरिएंट की तरह फैला तो इससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं। गंभीर मामले न होने के बावजूद भी इससे रोगियों की संख्या बढ़ सकती है। जिनको पहले से ही कुछ बीमारियां हैं, उनमें मृत्यु का खतरा भी हो सकता है।

बूस्टर डोज पर बात करते हुए डॉ। पांडा ने कहा कि इस समय पहली प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज देने की है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत है, उन्हें यह दिया जा सकता है, लेकिन फिलहाल सभी लोगों को दो वैक्सीन देने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। पहली प्राथमिकता देश की पूरी जनसंख्या को दो वैक्सीन से इन्यूनाइज करने की है।

आ सकती है तीसरी लहर

वहीं, IIT कानपुर के प्रोफेसर पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि नए कोरोना वैरिएंट से बहुत डरने के बजाय सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है। ओमिक्रॉन बेहद संक्रामक है। इसी वजह से यह तीसरी लहर ला सकता है, लेकिन इसके पहले के मुकाबले कम घातक रहने की उम्मीद है। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि वैक्सीन के मुकाबले नेचुरल इम्यून सिस्टम नये वैरिएंट को मात देने में ज्यादा सक्षम है। हालांकि, उन्होंने बताया कि अगले वे अगले 8 से 10 दिन में स्टडी रिपोर्ट तैयार करके सही आकलन पेश करेंगे। अभी इस पर कुछ भी सटीक कहना मुश्किल है।

प्रो मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि देश की 80% आबादी का नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम मजबूत हो चुका है। ऐसे में कोरोना के नए वैरिएंट का कुछ खास असर भारत पर देखने को नहीं मिलेगा। इतना जरूर है कि कोरोना की एक लहर भारत में भी आएगी।