
पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्षविराम के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की। इस वार्ता के दौरान डोवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा आतंकियों पर की गई कार्रवाई आवश्यक और अपरिहार्य थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि युद्ध भारत की प्राथमिकता नहीं है और भारत हर हाल में शांति चाहता है। डोवाल के इस रुख का समर्थन करते हुए वांग यी ने भी आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और पहलगाम आतंकी हमले की भर्त्सना की।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, डोवाल ने कहा, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में निर्दोष भारतीय नागरिक मारे गए। इस त्रासदी के बाद भारत की ओर से आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना अनिवार्य था। भारत कभी भी युद्ध को प्राथमिकता नहीं देता और यह मानता है कि युद्ध किसी के हित में नहीं होता। भारत इस संघर्षविराम का पूर्णतः समर्थन करता है और जल्द से जल्द क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली चाहता है।
वहीं, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, चीन आतंकवाद के सभी रूपों का कड़ा विरोध करता है, जिसमें पहलगाम जैसा हमला भी शामिल है। मौजूदा वैश्विक परिदृश्य अस्थिर और परस्पर जुड़ा हुआ है, और एशिया में मिली शांति और स्थिरता बड़ी कठिनाई से हासिल हुई है। हमें इसे सुरक्षित रखना चाहिए। भारत और पाकिस्तान दोनों न केवल पड़ोसी हैं बल्कि चीन के भी पड़ोसी हैं, इसलिए हम तीनों एक-दूसरे से अलग नहीं रह सकते।
उन्होंने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान को इस स्थिति को कूटनीति और संवाद के माध्यम से सुलझाना चाहिए। वांग यी ने डोवाल के उस बयान की भी सराहना की जिसमें उन्होंने कहा था कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है। उन्होंने कहा, “चीन इस सोच की प्रशंसा करता है और उम्मीद करता है कि भारत और पाकिस्तान शांति बनाए रखेंगे तथा किसी भी तनावपूर्ण स्थिति को बातचीत और सलाह-मशवरे के जरिए सुलझाएंगे।”
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हल्का सैन्य संघर्ष शुरू हो गया था। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 28 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या कर दी थी। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें पूरी तरह नष्ट कर दिया।
जवाब में पाकिस्तान ने भारत के ऊपर रॉकेट और ड्रोन से हमले किए, जिसके प्रतिउत्तर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई शहरों में स्थित डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया, लेकिन भारत ने भी इसका सटीक और निर्णायक जवाब दिया।