
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में विपक्षी दल एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी द्वारा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के आगामी नीति आयोग बैठक में भाग लेने पर उठाए गए सवालों का जोरदार जवाब दिया है। पलानीस्वामी ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री का यह कदम भाजपा के दबाव में आकर किया गया है, खासकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हालिया कार्रवाई के बाद।
इस पर उदयनिधि ने कहा कि मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा केवल तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि किसी के सामने झुकने के लिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डरती है और न ही ईडी से। उदयनिधि ने कहा, हम न तो मोदी से डरते हैं, न ईडी से। हम हर चुनौती का सामना कानूनी तरीके से करेंगे।
यह बयान उस समय आया है जब मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी पलानीस्वामी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उनका दिल्ली दौरा केवल तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि भाजपा के सामने समर्पण के लिए। उन्होंने पलानीस्वामी के बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि उनका उद्देश्य राज्य के हितों की रक्षा करना है।
उदयनिधि ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी, जो पेरियार के विचारों पर आधारित है, कभी भी किसी से डरने वाली नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग विपक्षी दलों को डराने के लिए करती है, लेकिन तमिलनाडु में ऐसा नहीं चलेगा। उदयनिधि ने यह भी कहा कि राज्यपाल आर.एन. रवि केंद्र सरकार के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं और राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
इस प्रकार,उदयनिधि स्टालिन का यह बयान तमिलनाडु सरकार की केंद्र सरकार के खिलाफ मजबूत राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है और राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है।