'गैर गांधी' संभाल सकता है कांग्रेस की कमान लेकिन गांधी परिवार को पार्टी में सक्रिय रहना होगा- मणिशंकर अय्यर

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनिश्चितता के बीच रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) ने कहा कि एक 'गैर गांधी' पार्टी का प्रमुख हो सकता है लेकिन गांधी परिवार को संगठन के भीतर सक्रिय रहना होगा। अय्यर ने कहा कि अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते हैं तो यह सबसे अच्छा होगा लेकिन साथ ही राहुल की इच्छाओं का भी सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि पार्टी का अध्यक्ष कोई नेहरू-गांधी न हो तब भी हमारा अस्तित्व कायम रहेगा बशर्ते नेहरू-गांधी परिवार पार्टी में सक्रिय रहे और ऐसे संकट का समाधान निकालने में मदद करे जहां गंभीर मतभेद उत्पन्न हों।' उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी का लक्ष्य 'गांधी मुक्त कांग्रेस' है ताकि फिर 'कांग्रेस मुक्त भारत' का उनका उद्देश्य पूरा हो सके।

अय्यर ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तित्व का मामला है। मैं जानता हूं कि बीजेपी का लक्ष्य गांधी मुक्त कांग्रेस और नतीजन कांग्रेस मुक्त भारत है। मेरे विचार में हम उस सोच के जाल में फंसने वाले नहीं हैं कि उन्होंने कुछ ऐसा पता लगा लिया है जिसे खोज पाने में हम असमर्थ हैं।'' संगठन के शीर्ष नेतृत्व में फेरबदल की जरूरत को लेकर पूछे गए सवाल पर 78 वर्षीय अय्यर ने कहा, ''अगर आप सिर ही कलम कर देंगे तो धड़ फड़फड़ाने लगेगा।''

अय्यर ने कहा कि राहुल ने अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य विकल्प ढूंढने के लिए एक महीने का वक्त दिया है और इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के भीतर बातचीत जारी है जहां पार्टी में ज्यादातर लोग राहुल के पद पर बने रहने के पक्ष में हैं। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अटकलें लगाने की बजाए यह जानने के लिए अंतिम समय सीमा का इंतजार करना चाहिए कि क्या कोई विकल्प मिल गया है या राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए मना लिया गया है।

मणिशंकर अय्यर ने पार्टी के इतिहास से ऐसे कई उदाहरण पेश किए जब नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के लोग पार्टी के अध्यक्ष रहे, यू एन ढेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक। उन्होंने कहा कि अब भी इस मॉडल को अपनाया जा सकता है। राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद उनके अगले कदम को लेकर लग रही अटकलों के बीच गुरुवार को उन्होंने कहा कि पार्टी फैसला ले कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा और वह इस पद पर नहीं बने रहेंगे।

बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी जिसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया लेकिन राहुल अब भी अपने फैसले पर अड़े हुए हैं।