IPL 2021 : नए नियमों के साथ खेला जाएगा आईपीएल, जानें क्या-क्या होंगे बदलाव

क्रिकेट के उत्सव इंडियन प्रीमियर लीग 2021 की शुरुआत 9 अप्रैल से होने जा रही हैं। हर साल की तरह इस साल भी यह खेल क्रिकेटप्रेमियों का मनोरंजन करेगा। लेकिन इस बार यह खेल कुछ अलग अंदाज में दिखेगा क्योंकि नियमों में भी बदलाव हुआ हैं। जी हां, इस बार आईपीएल में में कोई भी मैच घरेलू मैदान पर नहीं होगा एवं इसी के साथ कई नियमों में बदलाव किए गए हैं जिसमें ओवर समाप्त करने की समय सीमा तो सॉफ्ट सिग्नल से जुड़े जरूरी फैसले हैं। तो आइये जानते हैं इन बदले हुए नियमों के बारे में।

20वां ओवर 90 मिनट में खत्म करने को लेकर सख्ती

बीसीसीआई ने साफ किया है कि 20वां ओवर 90 मिनट में खत्म हो जाना चाहिए। पहले 20वां ओवर 90वें मिनट में शुरू होना जरूरी था। बयान में बीसीसीआई ने कहा कि मैच की टाइमिंग नियंत्रित करने को यह बेहद जरूरी है। बयान में कहा गया है कि आईपीएल मैच में हर घंटे में औसतन 14।11 ओवर होने चाहिए। इसमें टाइम-आउट शामिल नहीं होगा। बिना किसी रुकावट के होने वाले मैच की एक पारी 90 मिनट में खत्म होनी चाहिए। यानी 85 मिनट का खेल और 5 मिनट टाइम-आउट के लिए। जब देरी या रुकावट के कारण मैच निर्धारित समय में 20 ओवर न हो पाएं तो ऐसे में हर ओवर के लिए 4।15 मिनट अतिरिक्त हो सकते हैं।

शॉर्ट रन पर तीसरा अंपायर लेगा फैसला

मैदानी अंपायर द्वारा शॉर्ट रन नियम में भी बदलाव किया गया है। इसकी जिम्मेदारी भी तीसरे अंपायर को दी गई है। तीसरा अंपायर अब मैदान पर मौजूद अंपायर के शॉर्ट रन कॉल के फैसले में तब्दीली भी कर सकता है। पिछले आईपीएल सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली कैपिटल्स के बीच हुए मैच में इस मामले को लेकर काफी विवाद हुआ था। उसके बाद ही यह फैसला लिया गया है।

चौथे अंपायर को चेतावनी का अधिकार

चौथे अंपायर बल्लेबाजी टीम के जानबूझकर वक्त बर्बाद करने पर चेतावनी दे सकता है। उसे यह अधिकार है कि अगर बल्लेबाजी टीम की वजह से गेंदबाजी करने वाली टीम निर्धारित वक्त में 20 ओवर नहीं फेंक पाए तो बल्लेबाजी करने वाली टीम के समय में कटौती की जाएगी। अंपायर की जिम्मेदारी होगी कि बल्लेबाजी करने वाली टीम का कप्तान और टीम मैनेजर, दोनों को चेतावनी के बारे में जानकारी हो।

सॉफ्ट सिग्नल को हटाया गया

भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबले में सॉफ्ट सिग्नल काफी विवादों में रहा। कप्तान विराट कोहली ने भी इस नियम पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद इस साल के आईपीएल में सॉफ्ट सिग्नल आउट नियम को हटा दिया गया है। नये नियम के हिसाब से मैदान पर मौजूद अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल का असर तीसरे अंपायर के फैसले पर नहीं पड़ेगा। अंपायरों को फैसला लेने के लिए तीसरे अंपायर की मदद की जरूरत होती है लेकिन इससे पहले गेंदबाजी छोर वाले अंपायर और स्क्वेअर लेग पर खड़े अंपायर से परामर्श करना चाहिए। इसके बाद फैसला पूरी तरह तीसरे अंपायर के पास होगा। वह तय करेगा कि बल्लेबाज आउट हुआ है या नहीं। गेंद जमीन को छुई है या बल्लेबाज ने जानबूझकर फील्डिंग में बाधा पहुंचाई है। यानी मैदानी अंपायर के एक बार तीसरे अंपायर को रेफर करने के बाद सॉफ्ट सिग्नल बेमानी हो जाएगा।