चूहा घोटाला: महाराष्ट्र सरकार ने दी सफाई, घोटाला हुआ ही नहीं

मंत्रालय में चूहा मारने के ठेके पर बुरी फंसी महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सोमवार को सफाई पेश की गई। सूबे के सार्वजनिक निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मंत्रालय में तीन लाख 19 हजार 400 चूहों की संख्या नहीं थी बल्कि यह जहरीली गोलियों की संख्या थी। मंत्रालय में चूहों को मारने के लिए नहीं चूहों के निर्मूलन के लिए ठेका दिया गया था।

पाटिल ने बताया कि केबल नेटवर्क सुरक्षित रखने, दस्तावेजों को बचाने और बिजली के तारों को शार्ट सर्किट से बचाने के लिए मंत्रालय की मुख्य इमारत, विस्तारित इमारत और परिसर से चूहे भगाने के लिए 1984 से जहरीली गोलियां रखी जाती हैं। इसमें मजदूर संस्थाओं की सेवाएं ली जाती हैं।

इसी के तहत यह काम विनायक मजदूर संस्था को दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए दो लाख 40 हजार रुपए की राशि मंजूर की गई और चूहे भगाने के लिए 3 लाख 19 हजार 400 गोलियां उपलब्ध कराई गई थीं। इस काम के लिए दो महीने की सीमा थी, लेकिन इसे सात दिनों (3 मई से 9 मई 2016) में ही पूरा कर लिया गया।

इसके साथ ही चंद्रकांत पाटील ने कहा की चुहा मारने का कोई घोटाला हुआ ही नहीं , 3,19,400 ये चुहों की संख्या नहीं बल्की चुहों की प्रजाती को रोकने के लिए गोलियों की संख्या है। 3,19,400 गोलियों को 4,79,100 रु.में खरीदी। मुंबई जिल्हा बैंक में चुहे को मारनेवाली संस्था के पैसे जमा कराये गए है।

विनायक मजदूर संस्था के पते पर सफाई देते हुए मंत्री पाटिल ने कहा कि संबंधित रकम संस्था के चालू बैंक खाते में जमा कराई गई थी। बैंक ने संस्था से जुड़ी सभी चीजों की जांच की थी। संस्था के पते पर सवाल उठने के बाद डीडीआर को संस्था के बारे में पता करने के लिए पत्र लिखा गया है।

बता दें कि विधानसभा में चर्चा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने मंत्रालय में चूहा घोटाले का आरोप लगाया था।