कारोबारियों को निर्मला सीतारमण का तोहफा, कॉरपोरेट टैक्‍स में भारी छूट

गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी और कारोबारियों को राहत देते हुए कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती कर दी है। घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी होगा। जबकि सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी। पहले यह दर 30 फीसदी थी। कैपिटल गेन पर सरचार्ज खत्म हो गया है। कॉर्पोरेट कर की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि कोई घरेलू कंपनी किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेती है, तो उसके पास 22 फीसदी की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प होगा। वित्त मंत्री के एलान के बाद शेयर बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिला। सुबह करीब 11 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 917.01 अंक यानी 2.54 फीसदी की बढ़त के बाद 37,010.48 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी की बात करें, तो 199.80 अंक यानी 1.87 फीसदी की बढ़त के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10,904.60 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। घोषणा से रुपया 66 पैसे उछलकर 70.68 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए आईटी एक्‍ट में नए प्रावधान को जोड़ा गया है, जो सुनिश्चित करेगा कि कोई भी नई घरेलू कंपनी जिसका गठन 1 अक्टूबर 2019 या उसके बाद हुआ हो और जो नए सिरे से निवेश कर रही हो वो 15 फीसदी के दर से आयकर का भुगतान करेगी।

- वहीं कंपनी 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुरू कर देती हैं तो 15 फीसदी टैक्स लगेगा। सभी तरह के सरचार्ज और सेस पर 17.10 फीसदी प्रभावी दर होगी।

- मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनियों के लिए भी टैक्‍स घटेगा।

- घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी होगा। जबकि सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी हो जाएगी।

- सरकार को इस ऐलान के बाद 1.45 लाख करोड़ का राजस्‍व घाटा होगा

- इक्‍विटी कैपिटल गेंस पर से सरचार्ज हटा दिया गया है।

- लिस्‍टेड कंपनियों को राहत देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन कंपनियों को अब बायबैक पर टैक्स नहीं देना होगा जिन्होंने 5 जुलाई 2019 से पहले बायबैक शेयर का एलान किया है।

- इसके साथ ही MAT यानी मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स खत्म कर दिया गया है। एमएटी ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं। लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्स की देनदारी कम होती है। दरअसल, यह टैक्‍स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं। लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्‍स की देनदारी कम होती है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115JB के तहत MAT लगता है। सरकार ने प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित उपकर को भी वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य-उपकर समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है।