निर्भया केस: फांसी से ठीक 45 मिनट पहले क्या हुआ, जानें

निर्भया रेप केस के चारों दोषियों को 20 मार्च यानी आज सुबह 5:30 बजे फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया। लेकिन फांसी की प्रक्रिया से ठीक 45 मिनट पहले क्या क्या हुआ उसे हम आपको बताएंगे। सुबह के करीब पौने पांच बजे तिहाड़ जेल के अधिकारी पवन, अक्षय, विनय और मुकेश की सेल में दाखिल हुए। विनय वो शख्स था जो बुरी तरह रोने लगा, जबकि दूसरों के चेहरे पर तनावभरी शांति थी। चारों दोषी रातभर सो नहीं सके थे। चारों को उनके मौत के परवाने को दिखाया गया। उसके बाद अंतिम दफा मेडिकल टेस्ट किया गया। उसके बाद जेल नंबर तीन के अंदर बने फांसी कोठी में ले जाया गया। उस दौरान एक दोषी जमीन पर लेट गया तो दूसरा रहम की भीख मांगने लगा। लेकिन फांसी की प्रक्रिया को पूरी करने ते लिए जबरन वो दोषी तख्ते पर लाए गए, ठीक साढ़े पांच बजे जेल अधिकारी के इशारे के बाद जल्लाद पवन ने लीवर खींचा और सभी दोषी 12 फीट गहरे कुएं में लटक गए।

रात भर सोए नहीं चारों दोषी

फांसी से ऐन वक्त पहले चारों दोषियों ने बेचैनी में पूरी रात गुजारी। पूरी रात सभी दोषी सो नहीं पाए। फांसी से पहले चारों दोषियों में से सिर्फ मुकेश और विनय ने ही रात का खाना खाया, लेकिन पवन और अक्षय ने खाना नहीं खाया। दोषियों के वकील एपी सिंह ने आरोप भले ही लगाया कि दोषियों को परिवार से नहीं मिलने दिया जा रहा है, लेकिन दोषी मुकेश के परिवार ने फांसी से कुछ देर पहले आखिरी मुलाकात की। दोषियों से नाश्ते के लिए भी पूछा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। चारों दोषियों को तिहाड़ की जेल नंबर 3 में रखा गया। इनमें एक दोषी वार्ड नंबर 1 में, दूसरा दोषी वार्ड नंबर 7 की सेल में और बाकी दो दोषी नंबर 8 सेल में रखा गया था। अपने अपने सेल में सभी दोषी करवटें बदलते रहें। करीब चार बजे सभी दोषियों को उनके सेल में जगाया गया और नहाने के लिए कहा गया। लेकिन दो ने नहाने से इंकार कर दिया। किसी भी दोषी ने कोई आखिरी इच्छा नहीं जताई है, हालांकि दोषियों की ओर से जो भी पैसा कमाया गया है उसे परिवार वालों को दिया जाना तय है।