एक-एक करके या एक साथ होगी 'निर्भया' के दोषियों को फांसी, दिल्ली HC आज सुनाएगा फैसला

निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में दिल्ली हाई कोर्ट आज बुधवार को केंद्र की उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें चारों दोषियों की फांसी पर रोक से जुड़े निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई के तहत इस मुद्दे पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। निर्भया केस पर दिल्ली हाई कोर्ट दोपहर 2:30 बजे फैसला सुनाएगी।

दिल्ली हाई कोर्ट कोर्ट तय करेगा कि दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया जाए या अलग-अलग। दरसअल केंद्र सरकार ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि चारों दोषी न्यायिक तंत्र का गलत फायदा उठा कर फांसी को टालने की कोशिश कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र ने दलील दी कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को एक-एक कर फांसी देने में दिल्ली को कोई समस्या नहीं, तिहाड़ को कोई समस्या नहीं, कोई नियम ऐसा करने से नहीं रोकता, कुछ खास परिस्थितियों को छोड़कर। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में लोगों ने रेप के दोषियों के एनकाउंटर का जश्‍न मनाया था। लोगों का यह जश्‍न पुलिस के लिए नहीं था, बल्कि इंसाफ के लिए था। किसी एक दोषी की याचिका लंबित होने पर बाकी 3 दोषियों को फांसी से राहत नहीं दी जा सकती है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

चार दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31)- को पहले 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाने वाली थी और बाद में यह समय बदलकर एक फरवरी को सुबह छह बजे कर दिया गया। लेकिन 31 दिसंबर को मुकेश की ओर से ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की गई कि अन्य दोषियों ने अभी तक अपने कानूनी उपायों का उपयोग नहीं किया है और उन्हें अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती।

तीन दोषियों- पवन, विनय और अक्षय की ओर से एडवोकेट ए पी सिंह ने दलील दी और कहा कि फांसी पर चढ़ाने के लिए न तो सुप्रीम कोर्ट ने कोई समयसीमा तय की हुई है और न संविधान में इसके लिए कोई अवधि तय है। चौथे दोषी मुकेश की ओर से सीनियर एडवोकेट रेबेका जोन्स पेश हुईं। उन्होंने समान अपराध में दोषियों के लिए समान सजा पर जोर दिया और कहा कि दोषियों को फांसी पर जब चढ़ाया जाए तो एक साथ, अलग-अलग या एक-एक करके नहीं।

इस मामले में तीन लोगों की क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है जबकि मुकेश और विनय की दया याचिका भी राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। जबकि अक्षय की दया याचिका फिलहाल राष्ट्रपति के पास लंबित है। दोषियों की तरफ से नई- नई याचिका लगाने और कोर्ट में उनके लंबित रहने के चलते ही दो बार उन्हें फांसी दिए जाने के लिए जारी किया गया।

मंगलवार को 'निर्भया' के माता-पिता ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वह केंद्र की संबंधित याचिका के निपटारे में देरी न करे। जस्टिस कैत ने उन्हें जल्द से जल्द फैसला सुनाए जाने का भरोसा दिलाया