निर्भया गैंगरेप केस : पवन गुप्ता की याचिका SC में खारिज, कोर्ट ने कहा - घटना के वक्त दोषी बालिग था

निर्भया के गुनाहगारों में से एक पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि16 दिसंबर 2012 को जब निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ, उस समय वह नाबालिग था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पहले इसे खारिज कर दी फिर कहा कि यह मामला पहले भी उठाया गया था और और निचली अदालतों ने इसे खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट का फैसला सही था और हमें इस याचिका में कोई नई बात नहीं दिखाई देती, इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने माना घटना के वक्त पवन बालिग था। कोर्ट के इस आदेश के साथ ही अब निर्भया के दोषियों के फांसी का रास्ता साफ हो गया है। 1 फरवरी को सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की तारीख तय है।

अभी निर्भया के दोषियों के पास है ये और विकल्प

सबसे पहला निर्भया के तीन गुनहगारों के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है। जैसे की हम जानते है कि शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी निर्भया के गुनहगार मुकेश कुमार की दया याचिका को खारिज कर दी थी। लेकिन बचे हुए तीन गुनहगार राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल कर सकते है। वही दूसरा विकल्प है क्यूरेटिव पिटीशन। बता दे, निर्भया के दोषी अक्षय और पवन के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने का भी विकल्प है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन 14 जनवरी को खारिज कर दी थी।